
दिल्ली एम्स के कार्डियक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष को हटाया, महिला नर्स की शिकायत पर ऐक्शन
संक्षेप: दिल्ली एम्स में कार्डियक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर एके बिसोई को अब उनके पद से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई एक महिला नर्सिंग अधिकारी की ओर से उन पर लगाए गए प्रताड़ना के आरोपों के बाद की गई है।
दिल्ली एम्स में कार्डियक सर्जरी के विभागाध्यक्ष को शनिवार को पद से हटा दिया गया। यह कार्रवाई एक महिला नर्सिंग अधिकारी की ओर से उन पर लगाए गए प्रताड़ना के आरोपों के बाद की गई है। एम्स के निदेशक ने कार्डियक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष का दायित्व अब डॉक्टर एके बिसोई से हटाकर इसी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर वी. देवा गुरु को सौंपा गया है।

जानकारी के अनुसार, बीती 30 सितंबर को एक महिला नर्सिंग अधिकारी ने दिल्ली एम्स के कार्डियक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर शिकायत दी थी। इसके बाद नर्सिंग यूनियन ने भी महिला का समर्थन किया और तीन अलग-अलग तारीखों पर एम्स के डायरेक्टर को शिकायती पत्र देकर कार्डियक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष को सस्पेंड कर विभागीय कार्रवाई करने की मांग की थी।
सबक सिखाने की धमकी देने का आरोप : यूनियन ने आरोप लगाया था कि वार्ड में निरीक्षण के दौरान विभागाध्यक्ष ने महिला नर्सिंग कर्मचारी को किसी बात पर सबक सिखाने की धमकी दी। इस मामले की शिकायत अस्पताल प्रशासन से करने पर उन्होंने नर्स को दोबारा धमकाया। इस मामले में एम्स के निदेशक ने अब कार्डियक विभागाध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया है। शनिवार को इसके आदेश जारी किए गए हैं।
ऐसा पहला मामला
एम्स में किसी विभागाध्यक्ष को हटाए जाने का यह पहला मामला है। संस्थान के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि पिछले एक-डेढ़ दशक में ऐसी घटना नहीं हुई। हालांकि, अभी इस मामले की जांच पूरी नहीं हुई है। नर्सिंग यूनियन द्वारा उनके खिलाफ शिकायत किए जाने पर उन्होंने आरोपों को गलत बताया था और कहा था कि किसी और के इशारे पर उनके खिलाफ यह आरोप लगाए गए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय में भी शिकायत की थी
एम्स नर्सिंग यूनियन ने 9 अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्र लिखकर विभागाध्यक्ष डॉ. एके बिसोई के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। यूनियन का दावा है कि डॉ. बिसोई ने वर्ष 2019 में भी एक महिला नर्स को प्रताड़ित किया था, तब जांच कमेटी ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। वर्ष 2009 में भी उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गैरकानूनी कार्य में लिप्त होने पर सस्पेंड कर दिया था।





