दिल्ली में मिलावटी घी की फैक्ट्री पकड़ी, 7600 लीटर नकली घी बरामद; सुपरवाइजर दबोचा
दिल्ली की बाहरी उत्तरी जिला पुलिस ने बवाना इलाके में चल रही मिलावटी घी बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से करीब 76 सौ लीटर नकली घी, 900 लीटर वनस्पति व मूंगफली का तेल और पैकेजिंग सामग्री सहित भारी मात्रा में सामान जब्त किया है।

दिल्ली की बाहरी उत्तरी जिला पुलिस ने बवाना इलाके में चल रही मिलावटी घी बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से करीब 76 सौ लीटर नकली घी, 900 लीटर वनस्पति व मूंगफली का तेल और पैकेजिंग सामग्री सहित भारी मात्रा में सामान जब्त किया है। फैक्ट्री के सुपरवाइजर बृजेश गिरफ्तार किया गया है, जबकि डिफेंस कॉलोनी निवासी मालिक 26 वर्षीय माधव गुप्ता फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि फैक्ट्री से बड़े स्तर पर दिल्ली-एनसीआर में नकली घी और वनस्पति व मूंगफली के तेल की सप्लाई की जा रही थी।
संयुक्त टीम ने छापा मारा : जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी. स्वामी के अनुसार, 12 सितंबर को वाहन चोरी निरोधक शाखा को बवाना स्थित फैक्ट्री में मिलावटी घी तैयार किए जाने की सूचना मिली थी। पुलिस ने फैक्ट्री की लोकेशन का पता लगाकर पुलिस ने फैक्ट्री के आसपास योजनाबद्ध तरीके निगरानी रखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचित किया। चूंकि मामला खाद्य पदार्थों में मिलावट से संबंधित था। संयुक्त टीम ने बवाना के डीएसआईआईडीसी सेक्टर-2 में फैक्ट्री संख्या सी-51 में छापा मारा। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री से अवतार ब्रांड नाम से पैक किया जाने वाला मिलावटी घी, वनस्पति तेल, मूंगफली का तेल, चूल्हा-सिलेंडर, सुगंधित पदार्थ, रंग, तौलने व सील करने की मशीनें और दो मिक्सिंग मशीनें बरामद हुईं। मौके पर मौजूद बृजेश ने पूछताछ में बताया कि वह अपने मालिक माधव गुप्ता के निर्देश पर काम कर रहा था। पुलिस ने बवाना थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि फैक्ट्री से बड़े स्तर पर दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई की जा रही थी। अब पुलिस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने और भागे हुए मालिक को पकड़ने में जुटी है।
ऐसे पहचानें असली और नकली घी
● घरेलू नुस्खों से घी की शुद्धता आसानी से जांची जा सकती है
● कांच के गिलास में पानी भरें और उसमें एक चम्मच घी डालें। यदि घी ऊपर तैर जाए तो शुद्ध है, नीचे बैठने पर मिलावटी या नकली माना जाएगा
● हथेली पर आधा चम्मच घी रखें। शुद्ध घी शरीर की गर्मी से धीरे-धीरे पिघल जाएगा, जबकि नकली घी आसानी से नहीं पिघलेगा
● असली घी देखने और छूने में दानेदार होता है, वहीं मिलावटी घी चिकना होता है
● घी को गर्म करने पर शुद्ध घी हल्का भूरा रंग ले सकता है, जबकि नकली घी पीला ही बना रहता है और आसानी से पिघल जाता है।
नकली घी खाने से ये हो सकता है नुकसान
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. गिरीश त्यागी के अनुसार, नकली घी का सेवन तत्काल पेट की बीमारी का कारण बन सकता है, जबकि लंबे समय तक इसके सेवन से फैटी लिवर, गंभीर लीवर रोग, हृदय रोग और आंतों का कैंसर तक हो सकता है।
● नकली घी मौजूद हानिकारक रसायन और अशुद्धियां पेट दर्द, गैस, दस्त, अपच और कब्ज जैसी दिक्कतें पैदा करती हैं
● लंबे समय तक सेवन लिवर और आंतों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है
● नकली घी में मिलाए गए ट्रांस फैट और सिंथेटिक ऑयल तलने-भूनने पर टॉक्सिंस छोड़ते हैं, जिससे कैंसर, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, हार्ट ब्लॉकेज और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है
● यह इम्यूनिटी कमजोर करता है और जहरीले तत्व लिवर व किडनी को डैमेज कर सकते हैं। हैवी मेटल्स तंत्रिका तंत्र और हड्डियों पर भी असर डालते हैं
● त्वचा रोग , तेजी से वजन बढ़ना, विटामिन की कमी, जोड़ों का दर्द और हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं




