
संजय कपूर की संपत्ति में चाहिए हिस्सा, दिल्ली HC पहुंचे करिश्मा कपूर के बच्चे, क्या विवाद?
संक्षेप: शिकायत में दावा किया गया है कि न तो संजय कपूर ने वसीयत के बारे में उल्लेख किया और न ही उनकी सौतेली मां प्रिया कपूर या किसी अन्य व्यक्ति ने कभी इसके अस्तित्व के बारे में बताया। दोनों बच्चों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पिता की 30 करोड़ की संपति में हिस्सा मांगा है।
बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के दो बच्चों ने मंगलवार को अपने दिवंगत पिता संजय कपूर की संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस अर्जी पर कल यानी 10 सितंबर को सुनवाई होनी है। दोनों बच्चों ने शिकायत कर संजय कपूर की वसीयत को चुनौती दी है। दोनों बच्चों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पिता की 30 हजार करोड़ की संपति में हिस्सा मांगा है।

शिकायत में दावा किया गया है कि न तो संजय कपूर ने वसीयत के बारे में उल्लेख किया और न ही उनकी सौतेली मां प्रिया कपूर या किसी अन्य व्यक्ति ने कभी इसके अस्तित्व के बारे में बताया। इसमें आरोप लगाया गया है कि प्रिया का आचरण बिना किसी संदेह के यह दर्शाता है कि कथित वसीयत उनके ओर से गढ़ी गई है।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने प्रिया कपूर पर शुरू में किसी भी वसीयत के अस्तित्व से इनकार करने और यह दावा करने का आरोप लगाया है कि संजय कपूर की सभी संपत्ति आर.के. फैमिली ट्रस्ट के पास थी। हालांकि, उनका दावा है कि बाद में उसने 21 मार्च 2025 का एक दस्तावेज पेश किया, जिसे उसने वसीयत बताया, जिससे जालसाजी और हेरफेर का संदेह पैदा हुआ।
इस कानूनी विवाद में कई पक्ष शामिल हैं। याचिकाकर्ता करिश्मा कपूर और संजय कपूर की बेटी और नाबालिग बेटा हैं, जिनका प्रतिनिधित्व अदालत में उनकी मां के माध्यम से किया जा रहा है। पहले और दूसरे प्रतिवादी प्रिया कपूर, संजय की विधवा, और उनका नाबालिग बेटा हैं, ये दोनों राजोकरी में परिवार के फार्महाउस में रहते हैं। तीसरी प्रतिवादी संजय कपूर की मां हैं, जो उसी आवास पर रहती हैं। चौथी प्रतिवादी एक महिला है जिसने खुद को विवादित वसीयत का निष्पादक(Executor) बताया है।
बच्चों के अनुसार, उनके दिवंगत पिता ने उन्हें अपनी वित्तीय सुरक्षा और भविष्य की भलाई का बार-बार आश्वासन दिया था। उनका दावा है कि उन्होंने उनके नाम पर व्यावसायिक उद्यम शुरू किए थे, व्यक्तिगत रूप से और कॉर्पोरेट संस्थाओं के माध्यम से संपत्ति हासिल की थी, और उन्हें पारिवारिक ट्रस्ट के लाभार्थी के रूप में नामित किया था। बता दें कि संजय कपूर की मृत्यु के बाद, बच्चों ने उनका अंतिम संस्कार किया, जिसमें बेटे ने 19 जून को लोधी श्मशान घाट पर चिता को मुखाग्नि दी। इसके तुरंत बाद तनाव बढ़ गया, क्योंकि प्रिया कपूर ने कथित तौर पर ट्रस्ट से संबंधित दस्तावेजों और वित्तीय संपत्तियों तक उनकी पहुंच को सीमित करना शुरू कर दिया था।





