
मां के RSS का न्योता ठुकराने के चलते हुआ CJI पर हमला? AAP नेता का किस ओर इशारा?
संक्षेप: इस मसले पर आम आदमी पार्टी के नेता की पोस्ट दूसरी ओर इशारा कर रही है। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने चीफ जस्टिस पर हमले का लिंक उनकी मां के संघ के प्रोग्राम में न जाने के फैसले से जोड़ दिया है। सौरभ भारद्वाज ने खुलकर तो इसे नहीं कहा पर एक लाइन से उन्होंने इशारों में शायद यही कहना चाहा है।
देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर सुप्रीम कोर्ट के वकील की ओर से हमला किए जाने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है। पीएम मोदी ने इस घटना पर सीजेआई से खुद फोन पर बात कर हमले की निंदा की थी। उधर हमला करने वाले वकील राकेश किशोर को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है, उल्टे उन्होंने इसे परमात्मा की मर्जी करार दिया है। अब इस मसले पर आम आदमी पार्टी के नेता की पोस्ट दूसरी ओर इशारा कर रही है। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने चीफ जस्टिस पर हमले का लिंक उनकी मां के संघ के प्रोग्राम में न जाने के फैसले से जोड़ दिया है। सौरभ भारद्वाज ने खुलकर तो इसे नहीं कहा पर एक लाइन से उन्होंने इशारों में शायद यही कहना चाहा है।
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि CJI गवई की माता जी ने कुछ दिनों पहले RSS के 100 वर्ष के कार्यक्रम में जाने से मना किया था। उन्होंने सीजेआई के मां से जुड़ी खबर का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है। बता दें कि बीते दिनों चीफ जस्टिस की मां कमलताई को संघ की ओर से एक कार्य्रकम में शामिल होने के लिए बुलावा आया था जिसे उन्होंने मना कर दिया था। उसमें उन्हें चीफ गेस्ट के रूप में बुलाया गया था।
देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर हमला करने वाले वकील ने आज एएनआई से बातचीत में कई नई बातें बताईं। वकील राकेश किशोर ने कहा कि न्यायाधीशों को अपनी संवेदनशीलता पर काम करना चाहिए। लाखों मामले लंबित हैं। मैं न तो माफी मांगने वाला हूं और न ही मुझे कोई पछतावा है। मैंने कुछ नहीं किया। आप मुझसे सवाल कर रहे हैं। यह ईश्वर ने मुझसे करवाया है।
वकील राकेश किशोर ने कहा कि 16 सितंबर को CJI की अदालत में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी। CJI ने इसका मजाक उड़ाते हुए कहा था कि "जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उससे कहो कि वह अपना सिर खुद वापस लगा ले"। जब नूपुर शर्मा का मामला अदालत के सामने आया,तो अदालत ने कहा कि नूपुर शर्मा ने माहौल खराब कर दिया।
जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है,तो सुप्रीम कोर्ट ऐसे आदेश पारित करती है। याचिकाकर्ता को राहत मत दो,लेकिन उसका मजाक भी मत उड़ाओ।मुझे ठेस पहुंची थी।मैं नशे में नहीं था;यह उनकी कार्रवाई पर मेरी प्रतिक्रिया थी। मैं डरता नहीं हूं। मुझे जो हुआ उसका कोई अफसोस नहीं है।





