चुनाव में हार के बाद सौरभ भारद्वाज को घर चलाने की चिंता, नए काम की तलाश
- दिल्ली चुनाव में ग्रेटर कैलाश सीट हारने वाले आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज ने आज अपना नया यूट्यूब चैनल लॉन्च किया है। उन्होंने हालांकि इसकी जानकारी एक दिन पहले ही अपने एक्स हैंडल पर दे दी थी।

दिल्ली चुनाव में ग्रेटर कैलाश सीट हारने वाले आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज ने आज अपना नया यूट्यूब चैनल लॉन्च किया है। उन्होंने हालांकि इसकी जानकारी एक दिन पहले ही अपने एक्स हैंडल पर दे दी थी। सौरभ ने अपने नए चैनल का नाम बेरोज़गार नेता रखा है। पहले वीडियो में उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बारे में विस्तार से बताया। इस बीच सौरभ भारद्वाज ने कहा कि चुनाव हारने के बाद उनके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है, घर कैसे चलेगा क्योंकि मेरे पास कोई प्लान नहीं है। उन्होंने लोगों से इस बारे में विचार भी जानने की कोशिश की है कि वह आगे क्या कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमें एक दिन पहले भी नहीं लग रहा था कि ये चुनाव हम लोग हारने वाले हैं। मेरे हारने की कहानी 8 फरवरी के दिन से ही शुरू हुई।
हारने की कहानी 8 फरवरी को ही शुरू हुई...
दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के नए यूट्यूब चैनल के अब तक 54 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हो गए हैं। उन्होंने पहले वीडियो में दिल्ली में हार के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे कहीं से भी इनपुट नहीं था कि हम हारने वाले हैं। मेरी जिंदगी में हारने की कहानी 8 फरवरी को ही शुरू हुई। उन्होंने बताया कि मैं 8 फरवरी को एक पोलिंग स्टेशन में बैठा हुआ था। सौरभ ने कहा कि पहले राउंड में मुझे आइडिया लग गया था कि चुनाव वैसा नहीं जा रहा जैसा जाना चाहिए था। सौरभ ने कहा कि मुझे काउंटिंग के बीच में ही पता चल गया था कि मेरे हाथ से चुनाव निकल गया है।
मैंने कहा- हिम्मत नहीं हारना है
सौरभ भारद्वाज को दिल्ली की ग्रेटर कैलाश सीट से भारतीय जनता पार्टी की शिखा रॉय ने शिकस्त दी है। सौरभ ने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार पोलिंग सेंटर में नहीं आई थीं, शायद उन्हें भी जीत का अहसास नहीं था। आप नेता ने कहा कि हारने के बाद मैं बाहर निकला और बाहर पार्टी के लोग निराश थे। 11 -12 साल से लोग लगे थे, उनके चेहरे देखकर मुझे निराशा हुई। मैंने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को हिम्मत न हारने को कहा।
आगे घर कैसे चलाउंगा…
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि मुझे लगा कि अब मैं क्या करुंगा, मेरे पास कोई प्लान नहीं था। मैं निकलते ही अरविंद केजरीवाल के घर गया, मनीष सिसोदिया के घर गया और रात लेट पहुंचा। उन्होंने कहा कि मैं लेट घर जाना चाहता था, जिससे घर वाले सो जाएं। सुबह उठकर क्या कहूंगा, बेटी को कैसे समझाउंगा, उसे यह पता नहीं था कि चुनाव में हारना कैसा होता है। सुबह से कई समर्थकों और पार्टी के लोगों का फोन आया, उन्होंने सबने मुझे कहा कि आपको हिम्मत नहीं हारना है। सौरभ ने आगे कहा कि मेरे जैसे फुल टाइम राजनेता के लिए अब घर कैसे चलाना है, वो संकट आ गया है। मेरे ऑफिस में जो लोग थे, साथ काम करते थे, उनकी जिंदगी में भी आगे अनिश्चतता है कि आगे क्या करेंगे। बता दें कि सौरभ भारद्वाज अपने नए यूट्यूब चैनल की मदद से रोज एक नए विषय के साथ लोगों के बीच आएंगे।