मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर मचा सियासी घमासान, AAP का पीएम मोदी पर फूटा गुस्सा
- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा कांग्रेस मुख्यालय से होकर निगमबोध घाट तक पहुंची जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार आज निगमबोध श्मशान घाट पर किया गया। शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई थी। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा’’ और ‘‘मनमोहन सिंह अमर रहें’’ नारे लगाते रहे। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। निगमबोध घाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार शुरू किया गया।
हालांकि इस पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी ने मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट पर ना किए जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध पर किए जाने को सिख समाज का अपमान बताया है।
उन्होंने कहा, बीजेपी सिख समुदाय को अपमानित कर रही है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि आप पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए राजघाट परिसर में जगह क्यों नहीं देने को तैयार हैं? एक पूर्व प्रधानमंत्री का नाम बताइए जिसका अंतिम संस्कार निगमबोध में हुआ हो, सिख समुदाय कितना अपमानित महसूस कर रहा होगा।
संजय सिंह ने कहा, दुर्भाग्य की बात है कि हमें इस बारे में बात भी करनी पड़ रही है। इससे पता चलता है कि सरकार की सोच कितनी ओछी है।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की और राजनीति करने का आरोप लगाया। सिद्धू ने भाजपा पर और हमला करते हुए पूछा कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक राजघाट पर नहीं बनता तो पार्टी को कैसा लगता। उन्होंने आगे कहा कि यह मुद्दा किसी एक पार्टी का नहीं बल्कि पूरे देश के इतिहास का है। पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धू ने कहा, "जब किसी व्यक्ति का निधन होता है तो उसके साथ सारी दुश्मनी खत्म हो जाती है। लेकिन यहां राजनीति हो रही है। मैं एक छोटा सा सवाल पूछता हूं कि अगर अटल जी का अंतिम संस्कार हो और कोई कहे कि स्मारक राजघाट पर नहीं बनेगा, कहीं और बनेगा तो आपको कैसा लगेगा? यह मुद्दा किसी पार्टी का नहीं बल्कि देश के इतिहास का है।