नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच नई राह में 90 मीटर जमीन बनी अड़चन, सड़क बनने से बचेगा 10 KM का चक्कर
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच नया रास्ता बनाने के लिए हिंडन पुल को सड़क से जोड़ने का काम चल रहा है। इस सड़क को बनाने के लिए 90 मीटर जमीन नहीं मिलने परियोजना में अड़चन बन रही है। किसान ने सीधे प्राधिकरण को जमीन देने से इनकार कर दिया है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच नया रास्ता बनाने के लिए हिंडन पुल को सड़क से जोड़ने का काम चल रहा है। इस सड़क को बनाने के लिए 90 मीटर जमीन नहीं मिलने परियोजना में अड़चन बन रही है। किसान ने सीधे प्राधिकरण को जमीन देने से इनकार कर दिया है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच आने-जाने के लिए अभी एक्सप्रेसवे, डीएससी रोड, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और बिसरख होते हुए मुख्य रास्ते हैं। इन सभी रास्तों पर वाहनों का दबाव काफी रहता है। इसके कारण परी चौक पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए कुछ वर्ष पहले सेक्टर-146 हिंडन पुल के जरिये नई कनेक्टिविटी देने का निर्णय लिया गया था। यह सड़क सीधे ग्रेटर नोएडा के एलजी गोलचक्कर पर मिलेगी। इसके लिए नोएडा की ओर करीब 800 मीटर सड़क बनाने का काम किया जाना है। इसमें दो कलवर्ट भी बनाए जाने शामिल हैं। इस परियोजना पर करीब 32 करोड़ रुपये का खर्च आना अनुमानित है।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि सड़क बनाने का काम चल रहा है। यहां करीब 200 मीटर हिस्से में मिट्टी और पत्थर डालने का काम पूरा किया जा चुका है। बीते दिनों लगातार बारिश की वजह से आगे के हिस्से में मिट्टी नहीं डाली जा सकी है। अभी तक करीब 20 प्रतिशत काम हो चुका है। इस काम को अगस्त 2025 तक पूरा करने की डेडलाइन है। इस सड़क के काम में रफ्तार मिलने में 90 मीटर जमीन अड़ंगा बन गई है। जिस हिस्से में यह सड़क बननी है, उसमें जमीन का यह टुकड़ा आड़े आ रहा है। झट्टा गांव के एक किसान की यह जमीन है।
प्राधिकरण के अधिकारियों और किसान के बीच पिछले छह महीने में चार-पांच बैठक हो चुकी हैं, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। प्राधिकरण इस जमीन को सीधे बैनामा के रूप में लेना चाहता है, जबकि किसान इसके बदले दूसरी जगह जमीन और अन्य मांग कर रहा है। इस पर प्राधिकरण तैयार नहीं है।
लोगों का 10 किलोमीटर का चक्कर बचेगा
इस सड़क के बनने से नोएडा से ग्रेटर नोएडा के एलजी गोल चक्कर की तरफ आने-जाने में 10 किलोमीटर से अधिक का चक्कर बचेगा। इसके अलावा परी चौक पर जाम में भी कमी आएगी।
सहमति न बनने पर अधिग्रहण का विकल्प
मामले में नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि अगर जल्द किसान से सहमति नहीं बनी तो जमीन के अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया जाएगा।
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