गूगल से निकालकर भेजते ऑफर लेटर, विदेशी जॉब के नाम पर 300 से अधिक लोगों से धोखाधड़ी; नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा
नोएडा पुलिस ने विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक और कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर सरगना समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। ढाई साल से चल रहे इस कॉल सेंटर के जरिये 300 से अधिक लोगों के साथ ठगी की गई है।
नोएडा पुलिस ने कनाडा, सर्बिया समेत अन्य देशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का शनिवार को पर्दाफाश किया। टीम ने सेक्टर-63 के ई ब्लॉक में छापेमारी कर मौके से सरगना समेत नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें छह महिलाएं शामिल हैं। बीते ढाई साल से चल रहे इस कॉल सेंटर के जरिये 300 से अधिक लोगों के साथ ठगी की गई है।
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते दिनों साइबर हेल्प डेस्क को बियांड स्पार्क ओवरसीज कॉल सेंटर से विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी की जानकारी मिली। पहली शिकायत केरल निवासी प्रमोद राघवन ने की। इसके बाद करीब 15 अन्य पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क किया। साइबर एक्सपर्ट और पुलिस टीम ने कॉल सेंटर पर छापा मारकर जालसाजी में लगे नौ लोगों को दबोच लिया। गिरफ्त में आए आरोपियों की पहचान गाजियाबाद के कवि नगर निवासी पंकज कुमार, मनप्रीत कौर, बुलंदशहर के खुर्जा निवासी सोनू कुमार, प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी राहुल सरोज, मथुरा निवासी प्रशंसा कुलश्रेष्ठ, दिल्ली की दीपाली, नोएडा के सेक्टर-121 निवासी महिमा अग्रवाल, सेक्टर-34 निवासी ममता यादव और फिरोजाबाद की तनिष्का शर्मा के रूप में हुई। पुलिस के अनुसार पंकज कुमार और उसकी पत्नी मनप्रीत कॉल सेंटर के डायरेक्टर हैं। पुलिस ने कॉल सेंटर से 24 लैपटॉप, एक टैब, एक सीपीयू, स्वाइप मशीन, तीन पेमेंट क्यूआर कोड, दस मोबाइल फोन समेत अन्य सामान बरामद किए हैं। पुलिस डायरेक्टर के बैंक खाते को फ्रीज कराने का प्रयास कर रही है। डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने कॉल सेंटर का पर्दाफाश करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया है।
गूगल से निकालकर भेजते थे ऑफर लेटर : मामले की जांच करने वाले सब-इंस्पेक्टर मनेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, गिरफ्तार किए गए पंकज ने बताया कि यह कंपनी उसकी पत्नी मनप्रीत कौर के नाम रजिस्टर्ड है। आरोपी अपनी पहचान के उन लोगों का वीजा और ऑफर लेटर गूगल से निकालते, जो पहले कनाडा गए हुए हैं। गूगल से निकाले कागजात को आरोपी कंपनी के ग्राफिक डिजाइनर राहुल सरोज से बदलवा कर आवेदकों को भेज देते थे।
छापेमारी के दौरान पीड़ित का कॉल आया
छापेमारी के दौरान एक लैपटॉप पर वॉट्सऐप कॉल आ रही थी। पुलिस ने बात की तो कॉल करने वाले व्यक्ति श्रीनगर के मोहम्मद यूनुस ने बताया कि कॉल सेंटर के लोगों ने उनसे और उनके आठ साथियों से विदेश भेजने के नाम पर ठगी की है। रकम मांगने पर कंपनी के डायरेक्टर धमकी दे रहे हैं। जांच के दौरान ही गोरखपुर के ओम प्रकाश भी कॉल सेंटर पहुंचे। उन्होंने बताया कि बेटे को कनाडा में नौकरी लगवाने के लिए उनसे 70 हजार रुपये लिए गए थे।
दो लाख तक वेतन मिलने का झांसा देते
एसीपी दीक्षा सिंह ने बताया कि आवेदकों को बताया जाता कि वर्किंग वीजा कंपनी ही बनवाएगी। नौकरी के बदले में आवेदकों को हर महीने 2 लाख रुपये तक सैलरी मिलने की बात कही जाती। वर्किंग वीजा दिलाने और नौकरी लगवाने के नाम पर पांच लाख से 15 लाख रुपये तक उनसे लिए जाते थे। जालसाज कुल रकम का 10 प्रतिशत आवेदक से फाइल आगे बढ़ाने के लिए तुरंत ले लेते और बाकी रकम नौकरी पर जाने के बाद देने को कहा जाता था।
सोशल मीडिया से लोगों का डेटा जुटाते
एडिशनल डीसीपी हृदयेश कठेरिया ने बताया कि कॉल सेंटर का मैनेजर सोनू कुमार डायरेक्टर पंकज और मनप्रीत कौर के कहने पर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि से विदेश जाने के इच्छुक लोगों का डेटा निकालता था। उसके बाद सेल्स टीम के लोग फोन कॉल और वॉट्सऐप के माध्यम से उनसे संपर्क करते और विदेश में स्टोर कीपर, स्टोर सुपरवाइजर, एडमिन आदि पदों पर नौकरी दिलवाने का झांसा देते। रोजाना करीब 50 लोगों से वह संपर्क करते। जालसाज ऐसे आवेदकों को फंसाते, जो एनसीआर से काफी दूर के राज्यों से हों। दूर होने के कारण आवेदक बार-बार ऑफिस नहीं आ पाते थे।
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