
19 राज्यों से 77 करोड़ की लूट, गिरोह के तीन बदमाश गिरफ्तार; गाजियाबाद से कितने रुपये ठगे?
संक्षेप: अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों के पकड़े जाने के बाद 19 राज्यों के 136 लोगों से साढ़े 77 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का खुलासा हुआ है। इन बदमाशों ने गाजियाबाद में भी ठगी को अंजाम दिया है।
क्रिप्टो और शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगने वाले गिरोह को बेनकाब करते हुए साइबर थाना पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों के पकड़े जाने के बाद 19 राज्यों के 136 लोगों से साढ़े 77 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का खुलासा हुआ है। इनमें गाजियाबाद के तीन लोगों से 10 करोड़ 37 लाख की ठगी भी शामिल है।
शशि रंजन से 7 करोड़ 95 लाख की ठगी
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि इंदिरापुरम निवासी शशी रंजन कुमार के साथ साइबर ठगी हुई थी। जालसाजों ने उन्हें व्हॉट्सऐप ग्रुप में जोड़कर एक वेबसाइट पर अकाउंट बनवाया और शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 7 करोड़ 95 लाख रुपये ठग लिए। इस संबंध उन्होंने सात जुलाई 2025 को साइबर थाने पर केस दर्ज कराया था।
अंकित और प्रशांत से 2.42 करोड़ की ठगी
इसी क्रम में इंदिरापुरम निवासी अंकित रस्तोगी के साथ क्रिप्टो केरंसी में निवेश के नाम पर 1 करोड़ 82 लाख रुपये की ठगी हुई, जिसके संबंध में 18 जुलाई 2025 को केस दर्ज हुआ था। तीसरे मामले में सिहानी गेट निवासी प्रशांत सक्सेना के साथ शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 60 लाख रुपये की ठगी हुई थी, जिसके संबंध में साइबर थाने पर 12 जून 2025 को केस दर्ज हुआ था।
तीनों घटनाओं में 1 करोड़ 4 लाख रुपये रिकवर कराने के साथ-साथ जालसाजों की गिरफ्तारी के लिए साइबर थाना प्रभारी संतोष तिवारी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया था। टीम ने गिरोह का खुलासा करते हुए गुरुवार को गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
ठगी करने वालों की पहचान आई सामने
आरोपियों की पहचान अमेठी के गांव महाराजपुर व हाल स्नेहनगर आलमबाग लखनऊ निवासी शिवा जयसवाल, थाना हैदरगढ़ जिला बाराबंकी के गांव गोरी व हाल प्रेमनगर आलमबाग लखनऊ निवासी आशीष कन्नौजिया तथा थाना कोतवाली जिला मैनपुरी के भालरा चौराहा व हाल थाना जगदीशपुरा जिला आगरा के आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-छह निवासी तुषार मिश्रा के रूप में हुई है। 21 वर्षीय शिवा जयसवाल और 28 वर्षीय तुषार मिश्रा 12वीं तथा 22 वर्षीय आशीष कन्नौजिया स्नातक पास है। आरोपियों के कब्जे से साइबर ठगी में इस्तेमाल होने वाले चार मोबाइल बरामद हुए हैं।
फर्जी वेबसाइट और ऐप के जरिये ठगते थे
एडीसीपी क्राइम के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका एक संगठित गैंग है, जो लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये व्हाट्सऐप ग्रुपों में जोड़ता है और फर्जी वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिये ट्रेडिंग खाता खुलवाता है और शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो करेंसी में निवेश पर मोटे मुनाफे का लालच देता है।
गिरोह पहले पीड़ितों को ऑनलाइन मुनाफा दर्शाता है और धीरे-धीरे करके मोटी रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराता है। एडीसीपी ने बताया कि सुहैल और रजत ने शिवा जायसवाल और आशीष कनौजिया के नाम से फर्जी फर्म आई और फर्म के नाम पर खाता खुलवाकर उसमें ठगी की रकम मंगाई गई। रकम के हिसाब से कमीशन शिवा जायसवाल व आशीष कनौजिया को मिलता था।
कंबोडिया में बैठा है केरल निवासी सरगना
इस खाते में कुल 3.66 करोड़ रूपये विभिन्न घटनाओं से प्राप्त किए गए। शशि रंजन के साथ हुई साइबर ठगी की घटना के 2.24 करोड़ रुपये तथा तुषार मिश्रा के साथ हुई ठगी के 24 लाख रुपये भी इसी खाते में ट्रांसफर कराए गए थे। तुषार मिश्रा ने केरल निवासी शमीम के साथ मिलकर यह खाता खुलवाया था। इस खाते में देश के विभिन्न क्षेत्र की कुल 139 घटनाओं के 11 करोड़ रूपये आए। केरल निवासी शमीम दिल्ली में किराये के फ्लैट में रहता था, जिसके अब कंबोडिया में होने की सूचना है।
इन राज्यों की 136 घटनाओं का खुलासा हुआ
एडीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ तथा साक्ष्य संकलन के दौरान गाजियाबाद की तीन घटनाओं सहित एनसीआरपी पोर्टल पर पंजीकृत 19 राज्यों की 136 घटनाओं का खुलासा हुआ है। इनमें आंध्र प्रदेश की तीन, असम की दो, दिल्ली की तीन, गोवा की एक, गुजरात की नौ, हरियाणा की दो, हिमाचल प्रदेश की एक, झारखंड की एक, कर्नाटक की 18, केरल की 12, मध्य प्रदेश की तीन, महाराष्ट्र की 32, ओडिशा की चार, पंजाब की चार, राजस्थान की दो, तमिलनाडु की 19, तेलंगाना की सात, उत्तर प्रदेश की पांच, पश्चिम बंगाल की आठ घटनाओं का खुलासा हुआ है, जिनमें 77 करोड़ 52 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई।





