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मुठभेड़ के बाद पकड़े गए 5 लुटेरे, 4 को लगी गोली, परिजनों का पुलिस पर आरोप

गाजियाबाद पुलिस ने रात को चेकिंग के दौरान मोदीनगर के पास निवाड़ी और भोजपुर इलाकों में पांच संदिग्ध लुटेरों को गिरफ्तार किया। पुलिस को देख उन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में चार संदिग्ध लुटेरों को गोली लगी और वे घायल हो गए।

Subodh Kumar Mishra हिन्दुस्तान टाइम्स, गाजियाबादThu, 15 Aug 2024 12:10 PM
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गाजियाबाद पुलिस ने रात को चेकिंग के दौरान मोदीनगर के पास निवाड़ी और भोजपुर इलाकों में पांच संदिग्ध लुटेरों को गिरफ्तार किया। पुलिस को देख उन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में चार संदिग्ध लुटेरों को गोली लगी और वे घायल हो गए। हालांकि तीन संदिग्धों के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि गिरफ्तारी और गोलीबारी फर्जी है। उनका दावा है कि पुलिस ने तीन दिन पहले ही मेरठ में उनके घरों से लोगों को उठाया था।

पुलिस ने गिरफ्तार संदिग्धों की पहचान 22 वर्षीय लकी पाल, 24 वर्षीय गोलू यादव, 32 वर्षीय नीरज पाल, 26 वर्षीय इंदर लाल और 26 वर्षीय दीपक यादव के रूप में की है। सभी मेरठ के निवासी हैं। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह कथित तौर पर कांवर यात्रा के दौरान चेन स्नैचिंग की कई घटनाओं में शामिल था, जिसमें गाजियाबाद में चार और मेरठ में तीन घटनाएं शामिल थीं।

गाजियाबाद ग्रामीण क्षेत्र के डीसीपी सुरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि महिलाओं के साथ बाइक सवार लुटेरों द्वारा झपटमारी के दो मामले 3 और 4 अगस्त को निवाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए थे। इसी तरह का एक मामला 1 अगस्त को भोजपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। 2 अगस्त को भोजपुर पुलिस स्टेशन में एक और डकैती के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान हमें पता चला कि संदिग्धों ने कंवर यात्रा के दौरान मेरठ में भी स्नैचिंग के तीन घटनाओं को अंजाम दिया था।

ये गिरफ्तारियां मंगलवार देर रात पुलिस जांच के दौरान हुईं। भोजपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के साथ एक स्वाट टीम ने फजलगढ़ के पास एक बाइक पर तीन संदिग्धों को रोकने का प्रयास किया। संदिग्ध नहीं रुके और उन्होंने गोलियां चला दीं। इसके बाद पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। लकी और गोलू के पैर में गोली लगी और वे घायल हो गए। देर रात स्वाट टीम और निवाड़ी थाने की पुलिस टीम पाटला के पास चेकिंग कर रही थी। तभी एक बाइक पर सवार दो संदिग्धों ने भागने की कोशिश की और पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें दो संदिग्धों को गोली लगी। उनकी पहचान नीरज पाल और इंदर लाल के रूप में हुई। सभी चार घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

गिरफ्तारी के संबंध में बुधवार को गाजियाबाद पुलिस की प्रेस वार्ता से कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया। इसमें दो महिलाएं थीं, जिन्होंने खुद को लकी और गोलू की पत्नियां बताया। उनका आरोप है कि 10 अगस्त की रात पुलिस उनके पतियों को घर से ले गई और फर्जी गिरफ्तारी कर गोली मार दी।

संदिग्ध लकी पाल की पत्नी दिशा पाल ने एचटी को बताया कि 10 अगस्त की रात सिविल ड्रेस में 10-12 लोगों की एक पुलिस टीम शताब्दी नगर, मेरठ में हमारे घर आई। वे निजी वाहनों में आए थे और ये कॉलोनी के बाहर पार्क किए गए थे। उन्होंने मेरे पति और मेरा मोबाइल फोन भी छीन लिया, ताकि मैं मदद के लिए किसी को फोन न कर सकूं। उन्होंने मुझे बताया कि वे लोनी थाना से थे। अगले दिन हमें अपने सूत्रों से पता चला कि टीम निवाड़ी थाने से थी। जब गोलू की पत्नी और मैंने अपने पतियों के बारे में पूछताछ की तो पुलिस वाले ने हमें भगा दिया। पुलिस ने बाद में मेरे पति और गोलू का फर्जी शूट-आउट मामला बनाया।

इस बीच, संदिग्ध गोलू यादव की पत्नी पायल यादव ने भी ऐसी ही घटना बताई। कहा कि पुलिस वाले सीधे हमारे घर में नहीं घुसे बल्कि हमारे पड़ोस के घरों से होकर आए। वे मेरे घर में घुस आए और मुझे गालियां दीं। उन लोगों ने सो रहे मेरे पति को पकड़ लिया। दिशा के साथ मैंने निवाड़ी थाने में उसी अधिकारी को देखा। मेरे पति अपने बड़े भाई दीपक यादव के साथ इलेक्ट्रीशियन का काम करते हैं। बाद में दीपक को भी पुलिस ने उठा लिया। दीपक और गोलू दोनों अपने दोस्तों के साथ हरिद्वार में कांवर यात्रा में शामिल होने गए थे और 2 अगस्त को वापस लौटे।

इन आरोपों को डीसीपी तिवारी ने खारिज कर दिया। कहा कि संदिग्धों की पहचान सीसीटीवी फुटेज के जरिए की गई है। वे पहले भी स्नैचिंग में शामिल रहे हैं। उनके परिवारों द्वारा किए गए दावे गलत हैं। 13 अगस्त की देर रात की जांच के दौरान पुलिस टीमों द्वारा संदिग्धों का पता लगाया गया था।

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