दिल्ली के स्कूलों में EWS के तहत एडमिशन शुरू, 42 हजार के लिए ड्रॉ निकाले; शिक्षामंत्री ने बताई आगे की प्रक्रिया
- शिक्षामंत्री ने कहा कि 'DoE जब एक बार दस्तावेजों का सत्यापन कर लेगा और एडमिशन को मंजूरी दे देगा, तो इसके बाद स्कूल डॉक्यूमेंट से जुड़े किसी भी मामले के आधार पर बच्चे को दाखिला देने से इनकार नहीं कर पाएगा।'

दिल्ली के निजी स्कूलों में EWS और DC श्रेणी के विद्यार्थियों के एडमिशन की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई। इस दौरान 42 हजार सीटों के लिए बच्चों के नाम का ड्रॉ निकाला गया। अब इन बच्चों को इस बारे में एक मैसेज के जरिए सूचना दी जाएगी और इसके बाद उन्हें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए DoE कार्यालय जाना होगा।
इस बारे में जानकारी देते हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि निजी स्कूलों में एंट्री लेवल (प्रवेश स्तर) की कक्षाओं में EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और DC (वंचित समूह) श्रेणी के बच्चों के एडमिशन के लिए बुधवार को पहला कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ निकाला गया। शिक्षामंत्री ने बताया कि इस ड्रॉ प्रक्रिया में किसी भी तरह की छेड़छाड़ को रोकने व इसकी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए शिक्षा निदेशक व अन्य अधिकारियों समेत अभिभावकों और मीडियाकर्मियों को भी उस कमरे में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गई, जहां यह ड्रॉ प्रक्रिया चल रही थी।
शिक्षामंत्री ने आगे कहा कि 'पिछले सालों में प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव था, जबकि इस साल मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मार्गदर्शन में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अभिभावकों और मीडिया की मौजूदगी में लॉटरी का आयोजन किया गया। इस दौरान पंजीकरण की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी गई।'
आगे उन्होंने बताया कि 'नर्सरी में एडमिशन के लिए कुल 24,933 सीट्स उपलब्ध थीं, जिनके लिए कुल 1 लाख 854 आवेदन प्राप्त हुए। किंडरगार्टन यानी KG क्लास के लिए 4,682 सीट्स उपलब्ध थीं, जिनके लिए 40 हजार 488 आवेदन मिले। कक्षा 1 के लिए मौजूद 14,430 सीट्स के लिए 62 हजार 598 आवेदन मिले थे।'
शिक्षामंत्री ने आगे कहा, 'एंट्री लेवल में एडमिशन के लिए स्कूलों की संख्या लगभग 3134 थी, जबकि नर्सरी के लिए 1299 स्कूल, KG के लिए 622 स्कूल और कक्षा 1 के लिए 1213 स्कूल थे।' शिक्षामंत्री ने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों, ट्रांसजेंडर छात्रों और अन्य श्रेणियों के लिए स्टूडेंट्स के पंजीकरण की अवधि बढ़ा दी गई है, क्योंकि इन श्रेणियों में प्राप्त आवेदनों की संख्या उपलब्ध सीटों से कम है।
मंत्री सूद ने आगे बताया, 'नर्सरी कक्षा के लिए सफलतापूर्वक ड्रॉ निकाला गया, और सभी डेटा को तुरंत फ्रीज कर दिया गया। अब तीन सदस्यीय समिति को शिक्षा निदेशक को जानकारी युक्त हस्ताक्षरित सीडी भेजने का निर्देश दिया गया है।'
आगे की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ड्रॉ से चुने गए सभी विद्यार्थियों को आज शाम तक एक मैसेज प्राप्त होगा और इसके बाद उन्हें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन (दस्तावेज सत्यापन) के लिए शिक्षा निदेशालय (DoE) कार्यालय बुलाया जाएगा।
आगे उन्होंने कहा, 'शिक्षा निदेशालय जब एक बार दस्तावेजों का सत्यापन कर लेगा और एडमिशन को मंजूरी दे देगा, तो इसके बाद स्कूल डॉक्यूमेंट से जुड़े किसी भी मामले के आधार पर बच्चे को दाखिला देने से इनकार नहीं कर पाएगा।'