दिल्ली में करंट लगने से 12 साल के बच्चे की मौत; पिता बोले- बिजली विभाग दोषी, शिकायत के बाद भी नहीं की कार्रवाई
- एक पुलिस अधिकारी ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना 4 सितंबर को हुई थी, जब अशान संजय कॉलोनी में अपने घर के पास अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था।
दक्षिण दिल्ली में हाल ही में मैदान गढ़ी में भाटी माइंस के पास रहने वाले 12 साल के बच्चे की मौत करंट लगने से हो गई। वह अपने घर के पास बिजली के खंभे के तार के संपर्क में आने से करंट की चपेट में आ गया। मृतक का नाम अशान था, जो कि तेज और होनहार लड़का था और डॉक्टर बनना चाहता था।
मृतक के पिता प्रेमचंद ने बेटे की मौत के लिए बिजली विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि पिछले महीने उन्होंने अपने घर के पास खुले पड़े तारों के बारे में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन विभाग ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
मृतक के पिता पाकिस्तान से आए प्रवासी हैं और कबाड़ के पुर्जों का व्यापार करते हैं। प्रेमचंद ने आंसू पोंछते हुए कहा, 'अशान एक होनहार छात्र था, हमेशा सीखने और स्कूल की गतिविधियों में भाग लेने के लिए उत्सुक रहता था। वह डॉक्टर बनना चाहता था।'
संजय कॉलोनी में हुए इस हादसे के वक्त अशान को बचाने की कोशिश करने वाले सिकंदर ने बताया कि 'अगर बिजली विभाग ने कार्रवाई की होती, तो अशान अभी भी जिंदा होता।' सिकंदर का कहना है कि उसने भी 19 अगस्त को बिजली विभाग में खुले तार के संबंध में शिकायत दर्ज कराते हुए करंट लगने की आशंका जताई थी। लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।
उधर विद्युत वितरण कंपनी डिस्कॉम ने इस हादसे के पीछे अनधिकृत रूप से बंदरों के आतंक को जिम्मेदार बताया है। सूत्रों के अनुसार कंपनी का कहना है कि असोला वन्यजीव अभ्यारण्य के पास स्थित होने के कारण इस क्षेत्र में बंदरों का आतंक है। ऐसे में विभाग का कहना है कि उसी बिजली के तार की वजह से बच्चे को बिजली का झटका लगा है, जिसे बंदर ने क्षतिग्रस्त कर दिया होगा। इस मामले में डिस्कॉम के एक अधिकारी ने बताया कि वे मामले की पुलिस जांच में सहयोग कर रहे हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना 4 सितंबर को हुई थी, जब अशान संजय कॉलोनी में अपने घर के पास अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। अधिकारी ने बताया कि इसी दौरान वह पास के बिजली के खंभे से निकले बिजली के तार के संपर्क में आ गया और उसे पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
घटना के चश्मदीद सिकंदर ने संवाददाताओं को बताया कि दोपहर करीब 1.45 बजे उसने कुछ बच्चों के शोर और चीखने की आवाज सुनी। जब वह घर से बाहर आया, तो उसने अशान को बिजली के खंभे से चिपका हुआ पाया। सिकंदर ने लकड़ी की छड़ी की मदद से बच्चे को खंभे से अलग किया। सिकंदर ने उसके हाथ-पैरों की मालिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने अशान के परिवार वालों को सूचित किया और उसे पास के अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मैदान गढ़ी पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106 (1) (लापरवाही से मौत का कारण) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि अशान का पोस्टमार्टम किया गया है, लेकिन रिपोर्ट का इंतजार है।
डिस्कॉम के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि वे घटना में दिल्ली पुलिस की जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा, "हमारी संवेदनाएं मृतक के परिवार के साथ हैं।" डिस्कॉम के सूत्रों ने कहा कि जिस इलाके में यह घटना हुई, वह असोला वन्यजीव अभयारण्य के पास एक छोटी सी बस्ती है और यहां बंदरों की अच्छी खासी आबादी है।
सूत्र ने कहा, 'इसके अलावा, दिल्ली में पकड़े गए बंदरों को अक्सर इसी इलाके में छोड़ा जाता है। यह इलाका और इसके आसपास के इलाके लगातार बंदरों की समस्या के लिए जाने जाते हैं। इस बात की पूरी उम्मीद है कि बंदरों के आतंक के कारण बिजली का तार क्षतिग्रस्त हो गया हो।'
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