हमारा मुंह तो मत ही खुलवाइए… BJP सांसद के वकील पर क्यों भड़क गए मीलॉर्ड?
अभिनय से राजनीति में आईं कंगना ने मानहानि की शिकायत को चुनौती दी, जो उनके उस रीट्वीट पर आधारित थी जिसमें अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महिला प्रदर्शनकारी के बारे में उनकी अपनी टिप्पणी शामिल थी।

सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा संसद और अभिनेत्री कंगना रनौत को शुक्रवार को झटका देते हुए उनकी उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन में भाग लेने वाली एक महिला के बारे में उनके विवादास्पद ट्वीट के कारण उनके खिलाफ दर्ज मानहानि के मामले को रद्द करने की मांग की थी। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने रनौत के वकील पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आपका ट्वीट कोई साधारण रिट्वीट नहीं था बल्कि आपने उसमें मसाला डाला था।
पीठ ने कंगना के वकील से पूछा, "अपनी टिप्पणियों के बारे में आप क्या कहते हैं? आपने तो इसमें मसाला डाल दिया। यह कोई साधारण रीट्वीट नहीं था। इस ट्वीट की व्याख्या को रद्द करने वाली याचिका में नहीं स्वीकार किया जा सकता। आपका स्पष्टीकरण निचली अदालत के लिए है। रद्द करने वाली याचिका के लिए नहीं।" इस पर कंगना के वकील ने पीठ से कहा, "शिकायत दर्ज कराने से पहले ही उनका स्पष्टीकरण आ चुका था और वह मौजूद है लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया।"
आपने ट्वीट में मसाला डाला
कंगना के वकील के इस तर्क पर SC जज उखड़ गए। उन्होंने कहा, आपने ट्वीट में मसाला डाला, अब आप अपने ट्वीट पर टिप्पणी करने के लिए हमें नहीं उकसाइए। इस पर हमारा मुंह मत खुलवाइए। इससे आपके मुकदमे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। आप इसे वापस लें। क्या आप वापस लेना चाहते हैं? सबूतों की अस्वीकार्यता के कारण आपकी शिकायत खारिज की जा सकती है।" इसके बाद भाजपा सांसद रनौत के वकील ने याचिका वापस ले ली।
कंगना ने ट्वीट में क्या कहा था?
अदालत रनौत की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने बठिंडा की एक अदालत में उनके खिलाफ लंबित मानहानि के मामले की कार्यवाही को चुनौती दी थी। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, रनौत ने आरोप लगाया कि एक बुजुर्ग महिला प्रदर्शनकारी, महिंदर कौर, को आंदोलन में भाग लेने के लिए पैसे दिए गए थे। रनौत ने एक्स पोस्ट में तब लिखा था, "हा हा हा, ये वही दादी हैं जिन्हें टाइम पत्रिका में सबसे शक्तिशाली भारतीय के रूप में चित्रित किया गया था... और ये 100 रुपये में उपलब्ध हैं। पाकिस्तानी पत्रकारों ने शर्मनाक तरीके से भारत के अंतरराष्ट्रीय जनसंपर्क को हाईजैक कर लिया है। हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी बात रखने के लिए अपने ही लोगों की ज़रूरत है।"
वकील की क्या थी सफाई, जिस पर भड़के जज
बार एंड बेंच के रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कंगना रनौत के वकील ने दलील दी कि उन्होंने कौर के बारे में नहीं, बल्कि शाहीन बाग के एक प्रदर्शनकारी के बारे में बात की थी। वकील ने कहा, "यह मामला एक रीट्वीट से संबंधित है। मूल ट्वीट को ही अन्य लोगों ने कई बार रीट्वीट किया था। उन्होंने बिलकिस बानो या शाहीन बाग वाली दादी के बारे में बात की थी, न कि प्रतिवादी के बारे में।" उन्होंने आगे कहा कि अभिनेत्री ने एक स्पष्टीकरण भी जारी किया था, लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया लेकिन पीठ इससे सहमत नहीं हुई और उसने रनौत के याचिका मंजूर करने से इनकार कर दिया।
हाई कोर्ट में भी कंगना को लगा था झटका
बता दें कि यह मामला कंगना रनौत के 2020 के एक रीट्वीट से उपजा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर 73 वर्षीय किसान प्रदर्शनकारी महिंदर कौर को शाहीन बाग सीएए विरोध प्रदर्शन की 'दादी' बता दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया गया था। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी इससे पहले कंगना रनौत की शिकायत रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी। शिकायतकर्ता महिंदर कौर पंजाब के बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जांडियान गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने जनवरी 2021 में बठिंडा में शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत में दावा किया गया था कि अभिनेत्री ने एक रीट्वीट में उनके खिलाफ ‘झूठे आरोप लगाए और टिप्पणियां’ की थीं जिनमें कहा गया था कि वह वही ‘दादी’ हैं जो शाहीन बाग में हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल थीं।




