
योगी जी बुलडोजर चला रहे हैं तो क्या गलत कर रहे हैं? जूता फेंकने वाले राकेश किशोर ने CJI बीआर गवई से पूछा
संक्षेप: मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने अदालत के अधिकारियों और अदालत कक्ष में मौजूद सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने और दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ देने को कहा। इधर, पुलिस ने भी कोर्ट परिसर में पूछताछ के बाद किशोर को छोड़ दिया।
सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने के आरोपी वकील राकेश किशोर ने कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सीजेआई बीआर गवई को अपने पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। साथ ही कहा कि उन्हें सोचना चाहिए कि वह कितने बड़े संवैधानिक पद पर बैठे हैं। इस दौरान किशोर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिक्र किया और बुलडोजर कार्रवाई पर बात की।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में किशोर ने कहा, 'मगर सीजेआई को यह सोचना चाहिए कि वह कितने बड़े संवैधानिक पद पर जब वह बैठे हुए हैं। पूरी कोर्ट में काबिल से काबिल वकील उन्हें मीलॉर्ड कह रहा है, तो उन्हें मीलार्ड के मायने समझने चाहिए कि मीलॉर्ड का क्या मतलब है और उसकी गरिमा रखनी चाहिए। किसी को आप भीख नहीं दे सकते, तो उसका बर्तन तो मत तोड़ दीजिए। उसको इतना जलील तो मत कर दीजिए कि भगवान के सामने ध्यान लगाओ।'
बुलडोजर बयान पर आपत्ति
किशोर ने कहा, 'इतना ही कह दिया तुमने तो कुछ नहीं। आगे तुम मॉरिशस जैसे देश में बोल रहे हो कि देश बुलडोजर से नहीं चलेगा। यह मेरा सवाल है सीजेआई से भी और जितने मेरा विरोध कर रहे हैं उनसे कि बताइए कि जिन लोगों के खिलाफ बुलडोजर चला रहे हैं, उन लोगों ने सरकार की संपत्तियों पर कब्जा कर रखे हैं, बड़े महल बना रखे हैं होटल बना रखे हैं...। उनके खिलाफ योगी जी बुलडोजर चला रहे हैं तो क्या वो कार्रवाई गलत है?'
उन्होंने आगे कहा, 'उन्होंने जमीनों पर कब्जा कर रखा है और तुम सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट वाले रोक लगाते जा रहो। तुम यह नहीं सोच रहे कि हलद्वानी में... यही सुप्रीम कोर्ट तीन साल से रोक लगाए बैठा हुआ है। अवैध संपत्ति है तो उसपर क्या जरूरत है। आदमी केस लेकर आते हैं, आप फैसला लीजिए कि जमीन इनकी थी और वापस कर दीजिए उन्हें। यह नहीं कि पहले से तय कर दिया कि इसपर बुलडोजर नहीं चलेगा। ये सब चीजों से मैं आहत हूं और रहूंगा।'
'फिर देश बंटने वाला है'
वकील ने कहा, 'हजारों साल हम सभी के गुलाम ही रहे। जो छोटी छोटी कौम आई वो हम पर राज करती रही। वो केवल इसलिए क्योंकि हम बहुत टोलरेंट रहे और आज भी हम टोलरेंट हैं। लेकिन जब हमारा अस्तित्व खतरे में है, तो मैं चाहता हूं कि कोई सनातनी चुप ना बैठे घर में वह जो जितना हो सकता है कर सके। मैं किसी को उकसा नहीं रहा हूं, मगर मैं यह जरूर चाहूंगा कि अपने हितों का ध्यान जरूर रखें। हमारे नेता भी, पुलिस भी और न्यायपालिका भी। याद रखें कि जब देश आजाद हुआ था, तब 7 मुल्क थे और आज 57 हैं। हम एक थे और आधा इधर दे दिया और आधा उधर दे दिया। अब आधा फिर बंटने वाला है, तो हम कहां भागेंगे।'
किशोर को सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। अदालती कार्यवाही के दौरान हुई इस अभूतपूर्व घटना से अविचलित रहे मुख्य न्यायाधीश ने अदालत के अधिकारियों और अदालत कक्ष में मौजूद सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने और दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ देने को कहा। इधर, पुलिस ने भी कोर्ट परिसर में पूछताछ के बाद किशोर को छोड़ दिया।





