काश, सभी मामलों का तेजी से निस्तारण होता; वनतारा को लेकर कांग्रेस का कटाक्ष
संक्षेप: न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया और कहा कि अधिकारियों ने वनतारा में अनुपालन और नियामक उपायों के मुद्दे पर संतोष व्यक्त किया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा वनतारा प्राणी बचाव एवं पुनर्वास केंद्र को क्लीनचिट दिए जाने को लेकर मंगलवार को कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि काश, "सीलबंद कवर" वाली व्यवस्था के बिना इतनी तेजी से सभी मामलों का निस्तारण कर लिया जाता। वनतारा से जुड़े मामलों की जांच कर रहे उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी ने गुजरात के जामनगर स्थित इस प्राणी बचाव एवं पुनर्वास केंद्र को ‘क्लीन चिट’ दे दी है।
न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया और कहा कि अधिकारियों ने वनतारा में अनुपालन और नियामक उपायों के मुद्दे पर संतोष व्यक्त किया है। पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "जब वह तय कर ले तो भारतीय न्यायिक प्रणाली सबसे तेज गति से चलती है, जबकि देरी उसकी पहचान बन गई है।"
उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि "25 अगस्त, 2025 को उच्चतम न्यायालय ने जामनगर में रिलायंस फाउंडेशन द्वारा स्थापित वन्यजीव बचाव और पुनर्वास केंद्र, वनतारा के मामलों की एक विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने का आदेश दिया। चार प्रतिष्ठित सदस्यों वाली एसआईटी को 12 सितंबर, 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था।"
उन्होंने कहा, "एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट "सीलबंद कवर" में प्रस्तुत की, 15 सितंबर, 2025 को उच्चतम न्यायालय ने इसकी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और 7 अगस्त, 2025 को दायर एक जनहित याचिका द्वारा शुरू किए गए मामले को बंद कर दिया।" रमेश ने कटाक्ष किया कि काश, सभी मामलों को रहस्यमय "सीलबंद कवर" वाली व्यवस्था के बिना इतनी तेजी से और स्पष्ट रूप से निपटा दिया जाता।





