CDS ने खोले ऑपरेशन सिंदूर के अहम राज, बताया 7 मई को ही क्यों पाकिस्तान में घुसी सेना
संक्षेप: 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने बैसरन घाटी में सैलानियों पर गोलीबारी कर दी थी। इसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। 7 मई के बाद करीब 4 दिनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष चलता रहा।

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए ले लिया था। 7 मई को देर रात पाकिस्तानी क्षेत्र में घुसकर आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया गया था। अब CDS यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने बताया है कि आखिर भारतीय सेना ने रात का ही वक्त और खासतौर से 7 मई का चुनाव क्यों किया गया।
गुरुवार को झारखंड राजभवन के बिरसा मंडप में छात्रों से बातचीत के दौरान सीडीएस चौहान ने कहा, '...जिन आतंकवादी ठिकानों को हमने चुना था, वहां हमने 7 मई को रात 1 बजे से 1:30 बजे के बीच हमला किया...। हमने 1:30 बजे का समय क्यों चुना। वो तो सबसे घने अंधेरे का समय होता है, सैटेलाइट तस्वीरें लेना और सबूत जुटाना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन फिर भी हमने 1 बजे से 1:30 बजे के बीच हमला किया। ऐसा क्यों?'
उन्होंने कहा, 'इसकी दो वजहें हैं। पहला कि हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा था कि हम रात में भी तस्वीरें ले सकेंगे। दूसरी सबसे जरूरी वजह है कि हम आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहते थे। सबसे अच्छा समय सुबह 5:30-6:00 के बीच होता, लेकिन उस समय पहली नमाज होती है और बहवलपुर और मुरीदके में उस समय आम नागरिकों की चहल-पहल बढ़ जाती...। इसलिए हमने 1 से 1:30 बजे के बीच का समय चुना।'
7 मई को ही क्यों किया अटैक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीडीएस ने बताया कि 23 अप्रैल के बाद देश की फ्लाइट्स की गतिविधियां, मौसम और बारिश पूर्वानुमान जैसे कई विश्लेषण के बाद यह फैसला लिया गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना को जम्मू और कश्मीर और पंजाब में तैनात किया गया था और वह सैन्य कार्रवाई के दौरान अपने हथियार इस्तेमाल करने में सक्षम थी। उरी और बालाकोट स्ट्राइक से हटकर ऑपरेशन सिंदूर भारत की तीनों सेनाओं का साथ मिलकर किया प्रयास था।
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने बैसरन घाटी में सैलानियों पर गोलीबारी कर दी थी। इसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। 7 मई के बाद करीब 4 दिनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष चलता रहा, लेकिन पाकिस्तान के डीजीएमओ के अनुरोध पर सीजफायर किया गया।





