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जनता के पैसे से आपके नेता का महिमामंडन क्यों हो, तमिलनाडु की स्टालिन सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनाया

जनता के पैसे से आपके नेता का महिमामंडन क्यों हो, तमिलनाडु की स्टालिन सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनाया

संक्षेप: उच्च न्यायालय ने कहा था कि ऐसी किसी स्थापना से ट्रैफिक की परेशानी और जनता को मुश्किल हो सकती है। कोर्ट ने कहा था, 'संविधान में दर्ज नागरिकों के अधिकारों की रक्षा किया जाना जरूरी है। जब सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी अनुमति से इनकार किया है, जो राज्य सरकार उन्हें मंजूर करने के आदेश नहीं दे सकती।'

Tue, 23 Sep 2025 01:25 PMNisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान
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पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की मूर्ति लगाने की तैयारी कर रही तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। शीर्ष न्यायालय ने सवाल उठाए हैं किआपके पूर्व नेताओं की प्रतिमा जनता के पैसों से क्यों लगाई जानी चाहिए। साथ ही अदालत ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुवाई वाली सरकार को राहत के लिए मद्रास हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा, 'इसकी इजाजत नहीं है। आप अपने पुराने नेताओं के महिमामंडन के लिए जनता के धन का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं?' बेंच ने राज्य सरकार से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से याचिका को वापस लें और उचित राहत के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का रुख करें।

खास बात है कि मद्रास हाईकोर्ट की तरफ से सार्वजनिक स्थान पर प्रतिमा स्थापित करने की याचिका को खारिज कर दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। राज्य सरकार तिरुनेलवेली जिले में एक मुख्य सड़क पर मौजूद सब्जी बाजार के गेट पर दिवंगत नेता की कांस्य की प्रतिमा लगाना चाहती थी। हाईकोर्ट ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

खबर है कि उच्च न्यायालय ने कहा था कि ऐसी किसी स्थापना से ट्रैफिक की परेशानी और जनता को मुश्किल हो सकती है। कोर्ट ने कहा था, 'संविधान में दर्ज नागरिकों के अधिकारों की रक्षा किया जाना जरूरी है। जब सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी अनुमति से इनकार किया है, जो राज्य सरकार उन्हें मंजूर करने के आदेश नहीं दे सकती।'

तमिलनाडु की राजनीति में करुणानिधि बड़ा नाम थे और उन्होंने द्रविड़ आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी। साल 1957 में वह पहली बार तिरुचिरापल्ली से विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद वह 1969 से 1971, 1971 से 1976, 1989 से 1991, 1996 से 2001 और 2006 से 2011 तक तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री भी रहे। 7 अगस्त 2018 को 94 साल की उम्र में वह दुनिया को अलविदा कह गए थे।

Nisarg Dixit

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Nisarg Dixit
निसर्ग दीक्षित एक डिजिटल क्षेत्र के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनकी राजनीति की गतिशीलता पर गहरी नजर है और वैश्विक और घरेलू राजनीति की जटिलताओं को उजागर करने का जुनून है। निसर्ग ने गहन विश्लेषण, जटिल राजनीतिक कथाओं को सम्मोहक कहानियों में बदलने की प्रतिष्ठा बनाई है। राजनीति के अलावा अपराध रिपोर्टिंग, अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां और खेल भी उनके कार्यक्षेत्र का हिस्सा रहे हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म करने के बाद दैनिक भास्कर के साथ शुरुआत की और इनशॉर्ट्स, न्यूज18 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम कर रहे हैं। और पढ़ें
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