Hindi NewsIndia NewsWhy SC Judge Surya Kant On Urgent Hearing Plea said Do You Know How Many Hours We Sleep
किसी को फांसी ना होने वाली हो बस; SC ने कहा- हम तुरंत क्यों सुनें किसी का मुकदमा

किसी को फांसी ना होने वाली हो बस; SC ने कहा- हम तुरंत क्यों सुनें किसी का मुकदमा

संक्षेप: सुप्रीम कोर्ट में हर दिन नियमित सुनवाई शुरू होने से पहले वकीलों को यह अधिकार होता है कि वे जरूरी मामलों का जिक्र (मेंशनिंग) कर तुरंत लिस्टिंग की मांग करें। जानिए आखिर क्यों जज साहब ने वकील को सुना दिया

Wed, 24 Sep 2025 01:20 PMAmit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश और नवंबर में भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने वाले जस्टिस सूर्यकांत ने मंगलवार को एक वकील की तगड़ी खिंचाई कर दी। उन्होंने कहा कि वह किसी मामले को उसी दिन तत्काल सुनवाई के लिए तब तक सूचीबद्ध नहीं करेंगे, जब तक कि किसी की फांसी न होने वाली हो। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या कोई जजों की व्यथा, उनके काम के घंटों और उनकी नींद की कमी को समझता है।

दरअसल सुबह की मेंशनिंग सेशन के दौरान एक वकील ने अपने मुवक्किल के मकान की उसी दिन नीलामी होने का हवाला देते हुए पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "जब तक किसी को फांसी न होने वाली हो, मैं कभी भी किसी मामले को उसी दिन सूचीबद्ध नहीं करूंगा।" उन्होंने आगे कहा, "आप लोग जजों की हालत नहीं समझते... क्या आपको पता है हम कितने घंटे सोते हैं? जब तक किसी की आजादी दांव पर न हो, उसी दिन सुनवाई की मांग न करें।"

जस्टिस सूर्या कांत की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह भी शामिल थे। आमतौर पर, रोस्टर के मास्टर के रूप में, मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई इस तरह के उल्लेखों की सुनवाई करते हैं। हालांकि, वह वर्तमान में पांच जजों की संविधान पीठ में व्यस्त हैं। ऐसी स्थिति में, प्रथा के अनुसार, दूसरी सबसे वरिष्ठ जज तत्काल मामलों की सुनवाई करते हैं।

क्या था मामला?

जस्टिस कांत की यह टिप्पणी तब आई, जब वकील शोभा गुप्ता ने राजस्थान में एक आवासीय मकान की नीलामी से संबंधित एक मामले को उसी दिन सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। गुप्ता ने कहा कि मकान की नीलामी आज होनी है, इसलिए मामले को तत्काल सुनवाई के लिए लिया जाए। जब गुप्ता ने बार-बार अनुरोध किया, तो जस्टिस कांत ने पूछा कि नीलामी का नोटिस कब जारी किया गया था। गुप्ता ने बताया कि नोटिस पिछले हफ्ते जारी हुआ था और बकाया राशि का कुछ हिस्सा पहले ही चुकाया जा चुका है। जस्टिस कांत ने गुप्ता को सख्त लहजे में कहा कि अगले कुछ महीनों तक मामले की सुनवाई की उम्मीद न करें। हालांकि, बाद में उन्होंने कोर्ट मास्टर को निर्देश दिया कि इस मामले को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट में ‘मेंशनिंग’ की परंपरा

सुप्रीम कोर्ट में हर दिन नियमित सुनवाई शुरू होने से पहले वकीलों को यह अधिकार होता है कि वे जरूरी मामलों का जिक्र (मेंशनिंग) कर तुरंत लिस्टिंग की मांग करें। अक्सर ऐसे मामलों में वकील कहते हैं कि यदि अदालत ने तुरंत दखल नहीं दिया तो उनके मुवक्किल को गंभीर नुकसान हो सकता है। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर हाल के दिनों में कई बार न्यायालय ने नाराजगी जताई है।

नया नियम लागू

मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई ने 6 अगस्त को साफ कर दिया था कि 11 अगस्त से वरिष्ठ अधिवक्ता (सीनियर एडवोकेट) उनके कोर्ट में मेंशनिंग नहीं कर सकेंगे। यह प्रावधान न्यायालय में अत्यधिक भीड़ और बार-बार की जा रही मेंशनिंग को नियंत्रित करने के लिए लाया गया था।

जस्टिस सूर्यकांत पर सबकी नजर

नवंबर 2025 में मौजूदा सीजेआई गवई का कार्यकाल पूरा होने पर जस्टिस सूर्यकांत भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। ऐसे में उनकी हालिया टिप्पणी को न्यायपालिका की कार्यशैली और प्राथमिकताओं पर महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।

Amit Kumar

लेखक के बारे में

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अमित कुमार एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में नौ वर्षों से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में वह लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के रूप में कार्यरत हैं। हिन्दुस्तान डिजिटल के साथ जुड़ने से पहले अमित ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया है। अमित ने अपने करियर की शुरुआत अमर उजाला (डिजिटल) से की। इसके अलावा उन्होंने वन इंडिया, इंडिया टीवी और जी न्यूज जैसे मीडिया हाउस में काम किया है, जहां उन्होंने न्यूज रिपोर्टिंग व कंटेंट क्रिएशन में अपनी स्किल्स को निखारा। अमित ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार से मास कम्युनिकेशन में मास्टर (MA) किया है। अपने पूरे करियर के दौरान, अमित ने डिजिटल मीडिया में विभिन्न बीट्स पर काम किया है। अमित की एक्सपर्टीज पॉलिटिक्स, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, इंटरनेट रिपोर्टिंग और मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है। अमित नई मीडिया तकनीकों और पत्रकारिता पर उनके प्रभाव को लेकर काफी जुनूनी हैं। और पढ़ें
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