
किसानों को क्यों नहीं मिल पाता फसलों का उचित मूल्य? नितिन गडकरी ने बताई वजह
संक्षेप: Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'हम ग्रामीण और आदिवासी भारत में गरीबी एवं बेरोजगारी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में किसानों को अच्छे मूल्य नहीं मिल रहे हैं।'
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार को उन किसानों का समर्थन करना चाहिए जिन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है क्योंकि यह दाम वैश्विक कारकों से तय होता है। गडकरी ने कहा कि भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या कृषि गतिविधियों में लगी हुई है लेकिन देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान महज 14 प्रतिशत है।
गडकरी ने ‘भारत जैव-ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी एक्सपो के दूसरे संस्करण' को संबोधित करते हुए कहा कि चीनी की कीमत ब्राजील, तेल की कीमत मलेशिया, मक्के की कीमत अमेरिका और सोयाबीन की कीमत अर्जेंटीना से प्रभावित होती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हम ग्रामीण और आदिवासी भारत में गरीबी एवं बेरोजगारी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में किसानों को अच्छे मूल्य नहीं मिल रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'ऐसे परिदृश्य में, हमारी ग्रामीण कृषि और आदिवासी अर्थव्यवस्था को बचाकर रखने के लिए, हमें कृषि का समर्थन करने की जरूरत है... जो उपभोक्ता, देश और आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।' उन्होंने कहा, 'किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।'
गडकरी ने कहा कि जब सरकार ने मक्के से बायो-एथेनॉल बनाने की मंजूरी दी तो मक्के की कीमत 1,200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। उन्होंने कहा कि मक्के से एथेनॉल का उत्पादन करके किसानों ने 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है।
उन्होंने कहा, 'इस तरह देखें तो ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की ओर कृषि का विविधीकरण हमारे देश की ज़रूरत है। वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन का भारत में भविष्य उज्ज्वल है।' उन्होंने कहा, 'फिलहाल हम ऊर्जा के आयातक हैं। वह दिन भी आएगा जब हम ऊर्जा के निर्यातक होंगे। यह देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।'
देश में वायु प्रदूषण का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण परिवहन ईंधन के कारण होता है और यह देश, खासकर दिल्ली के लिए एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है जिससे वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, 'आर्थिक और प्रदूषण दोनों ही नजरिये से, यह दुनिया और भारत के लिए जैव ईंधन और वैकल्पिक ईंधन को प्रोत्साहित करने का समय है।' गडकरी ने कहा कि उनका लक्ष्य भारत को टिकाऊ विमानन ईंधन के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाना है।





