Hindi Newsदेश न्यूज़Who was Pakistan first PM Liaquat Ali Khan whose mosque was associated with his name and raised storm

कौन थे पाक के पहले PM लियाकत अली खान, UP में जिनके नाम से जुड़ी मस्जिद पर उठा तूफान

लियाकत अली खान ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने पाकिस्तान के लिए पहला बजट प्रस्तुत किया, जिसे पुअर मैन बजट के नाम से जाना जाता है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 7 Dec 2024 02:00 PM
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उत्तर प्रदेश की एक और मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के नाम से जुड़ा हुआ है। यह मस्जिद उनके भाई सज्‍जाद अली खान की जमीन पर है। इसे अब सरकार के द्वारा शत्रु संपत्ति घोषित किया जा चुका है। इसकी जमीन के कथित रूप से वक्‍फ संपत्ति होने का दावा किया गया। इसके बाद स्थानीय प्रशासन और शत्रु संपत्ति संरक्षक कार्यालय की एक टीम जांच के लिए पहुंची। यह जमीन मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन के सामने करीब 0.082 हेक्टेयर में फैली हुई है।

आपको बता दें कि यह जमीन पहले रुस्तम अली के नाम पर दर्ज थी। विभाजन के बाद जब रुस्तम अली का परिवार पाकिस्तान चला गया। इसके बाद भारत में मौजूद उनकी संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' घोषित कर दिया है। बाद में इस जमीन पर कब्जा कर लिया गया और वहां पर एक मस्जिद बना दी गई।

कौन थे लियाकत अली खान?

लियाकत अली खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्हें पाकिस्तान के "कायदे-मिल्लत" (राष्ट्र के नेता) और "शहीद-ए-मिल्लत" (राष्ट्र के शहीद) के रूप में भी जाना जाता है। लियाकत अली खान का जन्म 1 अक्टूबर 1895 को उत्तर प्रदेश के करनाल जिले में हुआ था। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और फिर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। राजनीति में उनकी शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ हुई, लेकिन बाद में वे मुस्लिम लीग में शामिल हो गए।

लियाकत अली खान ने मोहम्मद अली जिन्ना के साथ मिलकर "पाकिस्तान आंदोलन" का नेतृत्व किया। 1946 में भारत में हुए चुनावों में मुस्लिम लीग के प्रमुख नेता के रूप में उन्होंने पार्टी को मजबूत किया। पाकिस्तान के निर्माण के बाद वे देश के पहले प्रधानमंत्री बने।

लियाकत अली खान ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने पाकिस्तान के लिए पहला बजट प्रस्तुत किया, जिसे "पुअर मैन बजट" के नाम से जाना जाता है।

16 अक्टूबर 1951 को रावलपिंडी में एक जनसभा के दौरान लियाकत अली खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके हत्यारे की पहचान स्पष्ट नहीं हो सकी। उनकी हत्या आज भी एक रहस्य बनी हुई है।

मस्जिद को लेकर क्यों हो रहा विवाद?

हिंदू शक्ति संगठन के संजय अरोड़ा ने करीब डेढ़ साल पहले शिकायत दर्ज कराई थी कि इस जमीन पर मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराए बिना मस्जिद का निर्माण करा दिया गया है। उन्होंने कहा था कि इसके अलावा वहां दुकानें भी बनाई गईं। इन्‍हें अवैध रूप से किराए पर दे दी गईं। इस मामले की करीब 18 महीने से जांच चल रही थी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली एक टीम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि यह संपत्ति सज्जाद अली खान के नाम पर थी। गृह मंत्रालय ने लखनऊ स्थित शत्रु संपत्ति संरक्षक कार्यालय से अतिरिक्त जांच कराई और जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है।

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