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Hindi Newsदेश न्यूज़Who is responsible for investors losses? After the Hindenburg report Rahul Gandhi on PM Modi and Gautam adani

SEBI चीफ ने अब तक क्यों नहीं दिया इस्तीफा, घाटे का कौन जिम्मेदार? हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर बोले राहुल गांधी

  • राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर कर पूछा है कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर लगाए गए आरोपों के बाद यदि निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई खो देते हैं, तो किसे जवाबदेह किसे ठहराया जाएगा?

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSun, 11 Aug 2024 03:48 PM
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अमेरिका की शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट को लेकर राहुल गांधी ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर कर पूछा है कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर लगाए गए आरोपों के बाद यदि निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई खो देते हैं, तो किसे जवाबदेह किसे ठहराया जाएगा? राहुल गांधी  इस मामले में राहुल गांधी ने पीएम मोदी, सेबी अध्यक्ष और उद्योगपति गौतम अडानी को भी लपेटा है।

राहुल गांधी के पूछा कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर लगाए गए आरोपों के बाद उन्होंने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है। इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा कि नए और गंभीर आरोपों को देखते हुए क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान लेगा? इसके साथ ही राहुल गांधी ने सवाल किया है कि अगर निवेशकों का पैसा डूब जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा—प्रधानमंत्री मोदी, SEBI के अध्यक्ष, या गौतम अडानी?

जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी की जांच का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी एक जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (JPC) जांच से डरते हैं और इसका खुलासा क्यों नहीं हो रहा है, यह अब स्पष्ट हो चुका है।"

राहुल गांधी के बयान से पहले कांग्रेस ने इस मामले में रविवार को कहा कि सरकार को अडानी ग्रुप की विनायमक द्वारा की गयी जांच में हितों के सभी टकरावों को तत्काल दूर करना चाहिए। कांग्रेस ने इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की अपनी मांग भी दोहरायी।

विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि ‘देश के शीर्ष अधिकारियों की कथित मिलीभगत’ का समाधान केवल इस ‘घोटाले’ के पूरे दायरे की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करके ही किया जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सेबी ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष मोदी जी के करीबी मित्र अडानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के खुलासों में ‘क्लीनचिट’ दी थी। उन्होंने कहा कि हालांकि, सेबी प्रमुख से जुड़े ‘ परस्पर फायदा पहुंचाने’ के नए आरोप सामने आए हैं।

खरगे ने एक्स पर कहा, "मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशकों, जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में निवेश करते हैं, को संरक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि वे सेबी पर विश्वास करते हैं।" उन्होंने कहा, "जब तक इस महा-घोटाले में जेपीसी जांच नहीं होगी, तब तक मोदी जी अपने मित्र की मदद करते रहेंगे और देश की संवैधानिक संस्थाएं तार-तार होती रहेंगी।"

हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति के पास कथित अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ‘विदेशी फंड’ में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने अडानी पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 महीने बाद एक ‘ब्लॉगपोस्ट’ में कहा, “सेबी ने अडानी के मॉरीशस और विदेश स्थित इकाइयों के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है।”

सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी वित्तीय स्थिति (विनिमय) एक खुली किताब की तरह है। वहीं अडानी समूह ने रविवार को कहा कि हिंडनबर्ग के नए आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और छेड़छाड़ करने वाला चयन है तथा उसका बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है।

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