Hindi NewsIndia NewsWhat is Booth Rakshak scheme of Congress? Rahul Gandhi plan behind this pilot project launched in four states
क्या है कांग्रेस की बूथ रक्षक योजना? चार राज्यों में राहुल गांधी का नया दांव; पायलट प्रोजेक्ट शुरू

क्या है कांग्रेस की बूथ रक्षक योजना? चार राज्यों में राहुल गांधी का नया दांव; पायलट प्रोजेक्ट शुरू

संक्षेप: पायलट प्रोजेक्ट के तहत बूथ रक्षकों को इस बात का पता लगाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि एक ही पते पर कहीं बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम तो नहीं जोड़े गए हैं या एक ही नाम के मतदाताओं का दोहराव तो नहीं हुआ है।

Tue, 23 Sep 2025 12:20 PMPramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के वोट चोरी अभियान से उत्साहित कांग्रेस ने अब चार राज्यों की कुल पांच लोकसभा सीटों पर 'बूथ रक्षक योजना' की शुरुआत की है। फिलहाल यह एक पायलट प्रोजेक्ट है। इस योजना का उद्देश्य जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देना है, ताकि वे अपने-अपने इलाकों में मतादाता सूची में गड़बड़ी और अनियमितताओं का पता लगा सकें और उसे उजागर कर सकें।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत पार्टी ने जिन चार राज्यों के पांच लोकसभा क्षेत्रों को चयन किया है, उनमें राजस्थान के अलवर और जयपुर ग्रामीण सीट है। इसके अलावा मध्य प्रदेश का मुरैना, छत्तीसगढ़ का जांजपुर-चांपा और उत्तर प्रदेश का बांसगांव लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल है। इन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार 2024 का लोकसभा चुनाव बहुत ही कम वोट मार्जिन से हारे थे।

10 बूथों का प्रभारी होगा बूथ रक्षक

पायलट प्रोजेक्ट के तहत हरेक बूथ रक्षक 10 बूथों का प्रभारी होगा। उसके मातहत 10 बूथ स्तरीय एजेंट भी काम करेंगे। पार्टी ने केंद्रीय स्तर पर भी इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के लिए पांच सदस्यों की एक टीम बनाई है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बूथ रक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। ये टीम बूथ स्तर पर जाकर मतदाता सूची का गहनता से अवलोकन और पुनरीक्षण कर रही है। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि टीम मतदाता सूचियों में अनियमितताओं के आँकड़े इकट्ठा कर रही है, जिन्हें आगे की जाँच के लिए कांग्रेस आलाकमान को सौंपा जाएगा।

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वोट चोरी पकड़ने का प्रशिक्षण

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक सूत्र ने बताया, "केंद्रीय टीम स्थानीय नेतृत्व को वोट चोरी पकड़ने का प्रशिक्षण दे रही है; यह जिन निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा कर रही है, वहाँ के प्रत्येक बूथ की मतदाता सूचियों की जाँच कर रही है।" एक सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय नेताओं को चुनावी प्रक्रिया में फॉर्म 6, 7 और 8 के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जा रही है। यानी मतदाता सूची में किस आधार पर नाम जोड़े गे हैं और किस आधार पर नाम हटाए गए हैं., उसकी जांच परख करने के लिए बूथ स्तरीय टीम को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

एक ही पते पर बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम तो नहीं

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ये टीम वोट चोरी के बारे में स्थानीय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम भी चला रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत बूथ रक्षकों को इस बात का पता लगाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि एक ही पते पर कहीं बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम तो नहीं जोड़े गए हैं या एक ही नाम के मतदाताओं का दोहराव तो नहीं हुआ है। पार्टी बूथ रक्षकों को इस बात की भी ट्रेनिंग दे रही है कि बूथ स्तर पर अयोग्य मतदाताओं की पहचान कैसे की जाए।

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इसके अलावा, मतदाता सूची में मृत लोगों का नाम शामिल रहने और जीवित लोगों को मृत घोषित कर नाम काटने के मामलों की भी तलाश करने को कहा गया है। पार्टी इन पांचों लोकसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम हटवाने और जुड़वाने की प्रक्रिया के बारे में भी जागरूकता बढ़ा रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस उम्मीदवार अनिल चोपड़ा भाजपा उम्मीदवार राव राजेंद्र सिंह से मात्र 1615 वोट से चुनाव हार गए थे। इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 380 बूथ हैं। इस लिहाज से वहीं 30 बूथ रक्षक तैनात किए गए हैं। अलवर में भी कांग्रेस उम्मीदवार 48, 282 वोट से हार गई थी, जबकि यूपी के बांसगांव में 3150 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई थी।

Pramod Praveen

लेखक के बारे में

Pramod Praveen
भूगोल में पीएचडी और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर उपाधि धारक। ईटीवी से बतौर प्रशिक्षु पत्रकार पत्रकारिता करियर की शुरुआत। कई हिंदी न्यूज़ चैनलों (इंडिया न्यूज, फोकस टीवी, साधना न्यूज) की लॉन्चिंग टीम का सदस्य और बतौर प्रोड्यूसर, सीनियर प्रोड्यूसर के रूप में काम करने के बाद डिजिटल पत्रकारिता में एक दशक से लंबे समय का कार्यानुभव। जनसत्ता, एनडीटीवी के बाद संप्रति हिन्दुस्तान लाइव में कार्यरत। समसामयिक घटनाओं और राजनीतिक जगत के अंदर की खबरों पर चिंतन-मंथन और लेखन समेत कुल डेढ़ दशक की पत्रकारिता में बहुआयामी भूमिका। कई संस्थानों में सियासी किस्सों का स्तंभकार और संपादन। और पढ़ें
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