Hindi NewsIndia NewsWhat did CJI Gavai brother say about his mother invitation to an RSS event
हम हमारी विचारधारा..., मां को RSS कार्यक्रम के न्योते पर क्या बोले CJI गवई के भाई

हम हमारी विचारधारा..., मां को RSS कार्यक्रम के न्योते पर क्या बोले CJI गवई के भाई

संक्षेप: साल 1925 में विजयादशमी के दिन स्थापित आरएसएस गुरुवार को अपने 100 वर्ष पूरे कर लेगा। आरएसएस के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश भर में एक लाख से अधिक 'हिंदू सम्मेलनों' सहित कई कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारियां जारी हैं।

Mon, 29 Sep 2025 08:15 PMNisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान
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CJI यानी भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की मां कमलताई गवई को मिले RSS के कार्यक्रम के न्योते पर चर्चाएं जारी हैं। उन्होंने न्योता स्वीकार भी कर लिया। अब उनके इस कदम का सीजेआई के भाई डॉक्टर राजेंद्र गवई ने बचाव किया है। उन्होंने साफ किया है कि राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंध अलग होते हैं। संघ ने कमलताई को 5 अक्तूबर को होने वाले कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथि की सूची में शामिल किया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, कमलताई के बेटे डॉक्टर राजेंद्र गवाई ने कहा, 'मेरी मां को अमरावती में 5 अक्टूबर को होने वाले आरएसएस के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है और मेरी मां ने उसे स्वीकार भी कर लिया है। 5 अक्टूबर को होने वाला कार्यक्रम मुख्य कार्यक्रम नहीं है। विजयदशमी का मुख्य कार्यक्रम नागपुर में 2 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा।'

उन्होंने कहा, 'व्यक्तिगत संबंध और राजनीतिक रिश्ते अलग-अलग होते हैं। हमने किसी भी हाल में अपनी विचारधारा को पीछे नहीं छोड़ा है। हमारी विचारधारा मजबूत है।'

साल 1925 में विजयादशमी के दिन स्थापित आरएसएस गुरुवार को अपने 100 वर्ष पूरे कर लेगा। आरएसएस के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश भर में एक लाख से अधिक 'हिंदू सम्मेलनों' सहित कई कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारियां जारी हैं।

पीटीआई भाषा के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री बुधवार को संगठन के शताब्दी वर्ष समारोह की पूर्व संध्या पर आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की उपस्थिति में स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को आरएसएस की निस्वार्थ सेवा और अनुशासन की प्रशंसा की थी और कहा था कि उसके स्वयंसेवकों के हर कार्य में ‘राष्ट्र प्रथम’ हमेशा सर्वोच्च होता है।

अपने मासिक 'मन की बात' संबोधन में, प्रधानमंत्री ने कहा कि आरएसएस की स्थापना केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन देश को बौद्धिक गुलामी से मुक्त कराने के लिए की थी और तब से इसकी यात्रा जितनी प्रेरणादायक है, उतनी ही उल्लेखनीय और अभूतपूर्व भी रही है।

स्वयं आरएसएस प्रचारक रहे मोदी ने हेडगेवार के उत्तराधिकारी एमएस गोलवलकर की भी प्रशंसा की और कहा कि उनका यह कथन कि ‘यह मेरा नहीं, राष्ट्र का है’ लोगों को स्वार्थ से ऊपर उठने और राष्ट्र के प्रति समर्पण को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

Nisarg Dixit

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Nisarg Dixit
निसर्ग दीक्षित एक डिजिटल क्षेत्र के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनकी राजनीति की गतिशीलता पर गहरी नजर है और वैश्विक और घरेलू राजनीति की जटिलताओं को उजागर करने का जुनून है। निसर्ग ने गहन विश्लेषण, जटिल राजनीतिक कथाओं को सम्मोहक कहानियों में बदलने की प्रतिष्ठा बनाई है। राजनीति के अलावा अपराध रिपोर्टिंग, अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां और खेल भी उनके कार्यक्षेत्र का हिस्सा रहे हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ जर्नलिज्म करने के बाद दैनिक भास्कर के साथ शुरुआत की और इनशॉर्ट्स, न्यूज18 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम कर रहे हैं। और पढ़ें
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