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‘बांग्लादेश से सबक लें युवा, यहां भी बेरोजगारी, महंगाई समेत कई मुद्दे’; क्या बोल गईं महबूबा मुफ्ती

  • मुफ्ती ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ और हो रहा है, मुझे लगता है कि हमारे देश को इससे सबक लेना चाहिए। जब ​​आपके पास एक बड़ी युवा आबादी होती है और आप उन्हें नजर अंदाज करते हैं, जब महंगाई और बेरोजगारी की मार उन पर पड़ती है, तब ऐसे हालात पैदा होते हैं।

‘बांग्लादेश से सबक लें युवा, यहां भी बेरोजगारी, महंगाई समेत कई मुद्दे’; क्या बोल गईं महबूबा मुफ्ती
Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, श्रीनगरWed, 7 Aug 2024 05:11 PM
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि बांग्लादेश की घटना से यहां के युवाओं को भी सबक लेना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में बात करते हुए मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं के पास भी बहुत सारे मुद्दे हैं, हमें बांग्लादेश से सबक लेना चाहिए। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को सलाह देते हुए मुफ्ती ने कहा, ''बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है और हो रहा है, मुझे लगता है कि हमारे देश को इससे सबक लेना चाहिए। जब ​​आपके पास एक बड़ी युवा आबादी होती है और आप उन्हें नजर अंदाज करने की कोशिश करते हैं, जब महंगाई और बेरोजगारी की मार उन पर पड़ती है,तब ऐसे हालात पैदा होते हैं।"

उन्होंने कहा कि आरक्षण कमजोर वर्ग के लिए अच्छा है, लेकिन यह जनसंख्या के अनुपात में होना चाहिए। हमें बांग्लादेश से सबक लेना चाहिए कि तानाशाही लंबे समय तक नहीं टिकती है और लोगों के धैर्य की सीमा आखिर टूट ही जाती है। वह इतने पर ही नहीं रुकीं। उन्होंने आगे कहा कि तब आपको भी शेख हसीना की तरह भागना पड़ेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर के संबंध में हमें बांग्लादेश से सबक लेना चाहिए, जहां युवाओं के पास बहुत सारे मुद्दे हैं, इसके अलावा युवा असहाय महसूस कर रहे हैं जैसा कि बांग्लादेश में हुआ था। शोषण, दबाव और यूएपीए का मुद्दा, सभी इसमें शामिल हैं। मुझे लगता है कि इसे बदलने की जरूरत है। हालांकि, मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश की स्थिति यहां नहीं दोहराई जाएगी।"

बता दें कि पड़ोसी देश बांग्लादेश फिलहाल राजनीतिक अस्थिरता और उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। आरक्षण के खिलाफ छात्रों ने वहां प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था, जिसके बाद देशभर में स्थिति बदतर हो गई। आखिरकार पीएम शेख हसीना को 5 अगस्त को बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर भागना पड़ा। बांग्लादेश में छात्र मुख्य रूप से सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे। इस पर विरोध-प्रदर्शन बड़ा आंदोलन बन गया, जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना के बांग्लादेश के प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के एक दिन बाद, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम प्रशासन के गठन का रास्ता बनाने के लिए देश की संसद को भंग करने की घोषणा की है। रिपोर्ट के अनुसार नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव जोयनल आबेदीन ने यह घोषणा की।

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