भारत का बड़ा फैन हूं लेकिन… ट्रंप के मंत्री ने बताया US के साथ रिश्ते में कहां फंस रहा है पेंच
संक्षेप: भारत और अमेरिका के संबंधों में जारी उतार-चढ़ाव के बीच अमेरिकी ऊर्जा सचिव ने कहा है कि वे भारत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि भारत अमेरिका का एक शानदार सहयोगी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर लगाए गए मोटे टैरिफ के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों के समीकरण तेजी से बदले हैं। बीते दिनों दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत भी टाल दी गई थी। हालांकि अब ट्रेड डील पर वार्ता दोबारा शुरू हो गई है और दोनों पक्षों ने इस दिशा में जल्द से जल्द सकारात्मक परिणाम पर सहमति जताई है। संबंधों के इस उतार चढ़ाव के बीच हाल ही में ट्रंप के मंत्री ने भारत को अमेरिका का करीबी सहयोगी बताया है। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव की असली वजह क्या है।
अमेरिका के ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने एक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कि वे भारत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने कहा, "मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। हम भारत से प्यार करते हैं। भारत अमेरिका का एक शानदार सहयोगी है।” उन्होंने आगे कहा, “लेकिन भारत रूसी तेल भी खरीद रहा है। हम यूक्रेन युद्ध को खत्म करना चाहते हैं और मेरा मानना है कि भारत भी यही चाहता है।"
‘टकराव का कारण’
रूसी तेल की खरीद का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए अमेरिकी सचिव ने आगे कहा, "प्रतिबंधित रूसी तेल चीन, भारत और तुर्की खरीदते हैं और इस तरह, इससे रूस को उस युद्ध के लिए पैसे जुटाने में मदद मिलती है। और यही टकराव का कारण है।" उन्होंने आगे कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप का सबसे बड़ा जुनून दुनिया में शांति है। जब मैं उनसे बात करता हूँ, तो चाहे कोई भी विषय हो, शांति का मुद्दा उठता है। हम शांति स्थापित करने के लिए अपने साधनों और प्रभाव का उपयोग कैसे कर सकते हैं? और यूक्रेन और रूस का युद्ध, निश्चित रूप से, क्रूर है। हम सभी इसे समाप्त होते देखना चाहते हैं।”
क्या चाहता है अमेरिका?
अमेरिकी ऊर्जा सचिव ने जवाब में आगे कहा कि ऊर्जा सचिव के रूप में कार्यभार संभालने के शुरुआती दिनों में, उनका अधिकांश समय भारत के साथ काम करने में बीता। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और एक गतिशील समाज है। राइट ने कहा, “और हम प्राकृतिक गैस, कोयला, परमाणु ऊर्जा, स्वच्छ रसोई ईंधन और पेट्रोलियम गैस के क्षेत्र में भारत के साथ अपने ऊर्जा सहयोग का विस्तार करना चाहते हैं। भारत इस क्षेत्र में अग्रणी रहा है। इसलिए हम भारत के साथ व्यापार और ऊर्जा सहयोग के अलावा और कुछ नहीं चाहते।"
भारत पर 50 फीसदी टैरिफ
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी भारत पर रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन युद्ध में रूस को आर्थिक मदद देने का आरोप लगाया है। ट्रंप इस मुद्दे को लेकर भारत पर कई बार निशाना साध चुके हैं और भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। हालांकि भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। भारत ने यह भी कहा है कि रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीददार भारत नहीं, बल्कि चीन है। हालांकि अमेरिका ने चीन के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है।





