US aircraft engine major GE to deliver first of 99 F404 engines for Tejas MK 1A by March end वायुसेना को बड़ी राहत, दो साल की देरी के बाद पहला इंजन देने जा रही US कंपनी; तेजस भरेगा हुंकार, India News in Hindi - Hindustan
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वायुसेना को बड़ी राहत, दो साल की देरी के बाद पहला इंजन देने जा रही US कंपनी; तेजस भरेगा हुंकार

  • यह कदम तेजस एमके 1ए कार्यक्रम को गति देगा, जिसके तहत भारतीय वायु सेना को 83 विमानों की सप्लाई की जानी है। इस विमान ने मार्च 2024 में अपनी पहली उड़ान भरी थी।

Amit Kumar हिन्दुस्तान टाइम्स, शिशिर गुप्ता, नई दिल्लीSat, 22 March 2025 02:33 PM
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वायुसेना को बड़ी राहत, दो साल की देरी के बाद पहला इंजन देने जा रही US कंपनी; तेजस भरेगा हुंकार

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर चिंता बनी हुई है, लेकिन सुरक्षा सहयोग के मोर्चे पर सकारात्मक प्रगति देखने को मिल रही है। अमेरिकी विमान इंजन निर्माता GE (जनरल इलेक्ट्रिक) इस महीने के अंत तक 99 GE-404 इंजनों में से पहला इंजन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंपने की तैयारी में है। यह डिलीवरी दो साल की देरी के बाद हो रही है, जिससे भारतीय वायुसेना (IAF) को काफी राहत मिलेगी। यह कदम तेजस एमके 1ए कार्यक्रम को गति देगा, जिसके तहत भारतीय वायु सेना को 83 विमानों की सप्लाई की जानी है। इस विमान ने मार्च 2024 में अपनी पहली उड़ान भरी थी, लेकिन तब इसमें नए इंजन के बजाय रिजर्व इंजन का उपयोग किया गया था।

GE-404 इंजन भारत में निर्मित तेजस मार्क 1-A लड़ाकू विमानों को पावर प्रदान करता है। HAL द्वारा इन विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी को लेकर वायुसेना पहले ही चिंता जता चुकी है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के अनुसार, पहला इंजन वर्तमान में टेस्ट-बेड पर है और इस महीने के अंत तक HAL को मिल सकता है। इसके बाद 2025 में 12 इंजन और उसके बाद हर साल 20 इंजन की डिलीवरी की योजना है।

बता दें कि 2021 में 716 मिलियन डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट के तहत, जीई को 99 एफ-404 इंजनों की आपूर्ति करनी थी, जिसकी शुरुआत मूल रूप से मार्च 2023 से होने वाली थी। हालांकि, सप्लाई चैन में समस्याओं और महामारी के दौरान पुराने सप्लायर के बंद होने के कारण इसमें देरी हुई। अब, अधिकारियों के अनुसार, पहला इंजन परीक्षण के दौर से गुजर रहा है और इसे मार्च के अंत तक एचएएल को सौंप दिया जाएगा।

भारत में GE-414 इंजन निर्माण पर काम

GE और HAL मिलकर भारत में GE-414 इंजन के निर्माण पर भी कार्य कर रहे हैं। यह इंजन एडवांस मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को शक्ति देगा, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) विकसित कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत इंडिया-US के बीच iCET समझौते के तहत तकनीक ट्रांसफर की योजना बनाई गई है।

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AMCA के लिए निजी क्षेत्र को शामिल करने की योजना

HAL द्वारा 83 LCA MK-1 A लड़ाकू विमानों की सप्लाई में देरी से भारतीय वायुसेना नाराज है। इसी वजह से रक्षा मंत्रालय ने रक्षा सचिव आर. के. सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जो भारत के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के निर्माण के लिए व्यावसायिक मॉडल पर काम करेगी। यह समिति तकनीकी पहलुओं पर ध्यान नहीं देगी, बल्कि इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक रोडमैप तैयार करेगी। उद्देश्य यह है कि भारत भविष्य में केवल HAL पर निर्भर न रहे और अन्य निर्माता भी लड़ाकू विमान निर्माण में योगदान दें।

भारत को अमेरिकी F-35 या फ्रांसीसी राफेल का विकल्प

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को F-35 फिफ्थ-जनरेशन फाइटर जेट की आपूर्ति का प्रस्ताव दिया है, लेकिन भारत इस दौरान फ्रांसीसी विकल्प पर भी विचार कर रहा है। फ्रांस के साथ बातचीत के तहत ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत भारत में राफेल लड़ाकू विमान और उसके M-88 इंजन के निर्माण का प्रस्ताव भी शामिल है। सुरक्षा क्षेत्र में हो रही इन नई पहल से भारत के रक्षा क्षमताओं को मजबूती मिलने की उम्मीद है।