भारत के पास कितने दिनों के तेल का स्टॉक? सरकार ने बताया ईरान ने रास्ता बंद किया तो क्या होगा असर
ईरान की संसद ने रविवार को हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह जलमार्ग वैश्विक कारोबार के दृष्टिकोण से बेहद अहम है। ऐसे में इसके बंद होने की खबर से दुनियाभर में हलचल है।

Strait of Hormuz: दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा आपूर्ति क्षेत्रों में बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा है कि दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और चौथे सबसे बड़े गैस खरीददार, भारत के पास कई हफ्तों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा आपूर्ति है और भारत के पास आपूर्ति के लिए कई विकल्प मौजूद हैं।
रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए हरदीप पुरी ने कहा, ‘‘सरकार पिछले दो सप्ताह से पश्चिम एशिया में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम पिछले कुछ सालों में अपनी आपूर्ति में विविधता लेकर आए हैं और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज स्ट्रेट के माध्यम से नहीं आता है।’’
होर्मुज स्ट्रेट के जरिए कितनी आपूर्ति?
पुरी ने कहा, ‘‘हमारी तेल विपणन कंपनियों के पास कई सप्ताह के लिए आपूर्ति है और उन्हें कई मार्गों से ऊर्जा आपूर्ति प्राप्त होती रहेगी। हम अपने नागरिकों को ईंधन की बिना रुकावट आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’’ उहोंने बताया कि भारत में प्रतिदिन खपत होने वाले 5.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल में से लगभग 1.5-2 मिलियन बैरल होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से आते हैं। वहीं भारत अन्य मार्गों से लगभग 4 मिलियन बैरल आयात करता है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कितने दिनों का स्टॉक
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि भारत के पास पर्याप्त स्टॉक है। उन्होंने कहा, “हमारी तेल कंपनियों के पास पर्याप्त स्टॉक है। उनमें से अधिकांश के पास तीन सप्ताह तक का स्टॉक है। वहीं एक के पास 25 दिनों का स्टॉक है। हम अन्य मार्गों के माध्यम से कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ा सकते हैं। हम सभी संभावित माध्यमों पर विचार कर रहे हैं।"
होर्मुज स्ट्रेट है अहम
गौरतलब है कि होर्मुज जलडमरूमध्य पश्चिम एशिया से आने वाले तेल के लिए एक महत्वपूर्ण पारगमन मार्ग है। इजरायल के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद अपने परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमलों के बाद ईरान इस पर गंभीर है। ईरान की संसद ने इस जलमार्ग को बंद करने के प्रस्ताव को भी पास कर दिया है। ईरान का यह फैसला कई देशों की नींदें उड़ा सकता है।