
ट्रंप टैरिफ तनाव: पीएम मोदी के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताए असर को कम करने के तरीके
संक्षेप: Trump tariff: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार ने ट्रंप टैरिफ के असर को कम करने के तरीके बताए हैं। उन्होंने कहा कि इसका असर रहेगा, लेकिन केवल उन्हीं लोगों की नौकरियों पर संकट आएगा, जो मुख्य रूप से अमेरिकी निर्यात के भरोसे ही हैं। बाकी लोग नया वैकल्पिक बाजार देख पाएंगे।
भारत और अमेरिका के बिगड़ते संबंधों के बीच पीएम मोदी के सलाहकार ने ट्रंप टैरिफ के असर से निपटने के तरीके बताए हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ से निर्यात में कमी आएगी। इसकी भरपाई के लिए मजबूत घरेलू मांग और बढ़ती ग्रामीण खपत पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके जरिए ट्रंप टैरिफ के असर को कम किया जा सकता है।
एएनआई से बात करते हुए नागेश्वरन ने पूरे घटनाक्रम के ऊपर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "इसके कुछ प्रतिकूल प्रभाव भी होंगे। हालांकि जो नौकरियां खत्म होगी, वह केवल वे होंगी, जो कि बहुत ज्यादा अमेरिका के ऊपर निर्भर करती हैं, या वहां के निर्यात के लिए ही काम करते हैं। बाकी जो नौकरियां और उन उद्योगों के मालिक नया और कुछ वैकल्पिक बाजार ढूंढ़ पाएंगे। इसके अलावा कंपनियों को यह समझना होगा कि टैरिफ अनिश्चित है, ऐसे में अगर वह चाहें तो एक दूर दृष्टि अपनाकर इससे आगे देखने का विकल्प भी चुन सकते हैं। वह टैरिफ हटने का इंतजार कर सकते हैं, और कर्मचारियों को नौकरी में बनाए रख सकते हैं।"
अपनी बता पर जोर देते हुए नागेश्वरन ने कहा, "ट्रंप टैरिफ का असर होगा, लेकिन इसकी पूर्ति घरेलू मांग को बढ़ा कर की जा सकती है। हमारे यहां मानसून काफी बेहतर रहा है। अच्छी बारिश हुई है, इसका मतलब है कि कृषि और ग्रामीण परिवेश में मांग बढ़ेगी... इसलिए जरूरी नहीं की नौकरियां जाए ही... और अगर जाती ही हैं तो वह बहुत ज्यादा नहीं होगीं।"
गौरतलब है कि इससे पहले भी नागेश्वरन ने अमेरिकी टैरिफ के ऊपर अपनी राय रखते हुए कहा था कि इनका असर दूसरी या तीसरी तिमाही के शुरुआती असर पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इनमें से कुछ टैरिफ अल्पकालिक होंगे और भारत और अमेरिका के बीच बातचीत के जरिए सुलझ जाएंगे।"
इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था पर इन टैरिफों का कोई असर पड़ता भी है, तो वह जीएसटी कर में राहत और हमारे बहुत अच्छे मानसून के जरिए सुलक्ष जाएगा। इस साल हमारा कृषि उत्पादन भी पहले के मुकाबले बेहतर रहने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका ने भारत के ऊपर 25 फीसदी व्यापार टैरिफ और 25 फीसदी रूसी तेल खरीदने के जुर्माने के रूप में प्रतिबंध लगा दिया है। भारत की तरफ से इन जुर्मानों को पूरी तरह से गलत बताया गया है। सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है के वह किसी भी दबाव में अपनी रणनीतिक स्वायत्तता के साथ समझौता नहीं करेगी।





