बेखौफ और पूरी तरह बेफिक्र; पहलगाम में आतंकी हमले के 5 दिन बाद ही लौटे पर्यटक, विदेशी भी आए
आतंकियों ने पीड़ितों से उनके नाम और धर्म पूछकर (विशेष रूप से गैर-मुस्लिम पुरुषों) को गोली मारी। कुछ को कलमा पढ़ने के लिए कहा गया। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने किया, जिसने इसकी जिम्मेदारी ली।

पहलगाम में आतंकी हमले के 5 दिन बाद कश्मीर घाटी में हिम्मत और उम्मीद की लहर दौड़ पड़ी है। कभी यह जगह 5000-7000 पर्यटकों से गुलजार रहती थी, जो हमले के बाद 50-100 पर्यटकों तक सिमट गई। हालांकि, रविवार को पहलगाम की सड़कों पर विदेशी और देसी पर्यटक टहलते दिखे। क्रोएशिया और सर्बिया के पर्यटक बेफिक्र नजर आए। उन्होंने कश्मीर की बेमिसाल खूबसूरती और स्थानीय लोगों की गर्मजोशी की तारीफ की। क्रोएशिया की लिलजाना ने कहा, 'हम चार दिन से यहां हैं और पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। आपका देश बहुत खूबसूरत है। कश्मीर की प्रकृति और लोग बहुत अच्छे हैं। हम 12 लोग हैं, जिनमें दो सर्बिया से और बाकी क्रोएशिया से हैं। हमें एक दिन पहले पता चला था, लेकिन हमने कश्मीर आने का फैसला किया। जो हुआ वो बहुत दुखद है, उम्मीद है कि यह रुकेगा।'
क्रोएशिया के व्लाटको ने कहा, 'मैं 10वीं बार कश्मीर आया हूं। यह जगह दुनिया में नंबर वन है। लोग बहुत नरम दिल हैं। मेरे ग्रुप के लोग बहुत खुश हैं। मैं पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहा हूं और कोई डर नहीं है।' सर्बिया की इवाना ने कहा कि हम आपकी खूबसूरत घाटी देखने जा रहे हैं। हमले की खबर सुनकर भी हम आए, क्योंकि ये सालों से प्लान की गई ट्रिप है। कश्मीर को धन्यवाद।' गुजरात के मोहम्मद अनस ने कहा कि हम पहलगाम में मजे कर रहे हैं। हमले से दुखी हैं, लेकिन बाजार खुले हैं। हमें कोई डर नहीं है। सेना, सरकार और स्थानीय लोग साथ हैं।
कलमा पढ़ने के लिए कहा और फिर...
रविवार को स्थानीय लोग तिरंगे के साथ प्रोटेस्ट में उतरे। उन्होंने आतंक के खिलाफ एकजुटता दिखाई। कश्मीर की खूबसूरती और लोगों की हिम्मत धीरे-धीरे पर्यटकों को वापस ला रही है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में पहलगाम के पास बैसरन घाटी में भीषण आतंकी हमला हुआ। इसमें 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हमलावरों की संख्या चार से छह बताई गई, जो सैन्य वर्दी पहनकर और एम4 कार्बाइन व एके-47 जैसे हथियारों से लैस थे। आतंकियों ने पीड़ितों से उनके नाम और धर्म पूछकर (विशेष रूप से गैर-मुस्लिम पुरुषों) को गोली मारी। कुछ को कलमा पढ़ने के लिए कहा गया। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने किया, जिसने इसकी जिम्मेदारी ली। हमले के बाद भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा की और कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।