तीन तलाक पर पहले सरकार पक्ष रखेगी
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को केंद्र सरकार को तीन तलाक के खिलाफ बोलने वाले पक्ष में शामिल कर दिया। इसलिए उसे सोमवार को पहले अपना पक्ष रखना पड़ेगा। इसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व जमीयत उलेमा ए हिंद...
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को केंद्र सरकार को तीन तलाक के खिलाफ बोलने वाले पक्ष में शामिल कर दिया। इसलिए उसे सोमवार को पहले अपना पक्ष रखना पड़ेगा। इसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व जमीयत उलेमा ए हिंद अपनी दलील पेश करेंगे।
केंद्र ने इस कदम का संविधान पीठ के सामने विरोध किया और कहा कि वह तीन तलाक के पक्षधर पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा के बाद अपना पक्ष रखेगी क्योंकि सरकार न तो किसी के साथ है और न ही किसी के खिलाफ। हालांकि, जस्टिस आरएफ नरीमन ने कहा कि सरकार को पहले बोलना पड़ेगा। सरकार ने कहा कि मुस्लिम समाज में पिछले 65 सालों से कोई सुधार नहीं हुआ है जिससे मुस्लिम महिलाएं सामाजिक और आर्थिक रूप से बहुत ही असुरक्षित हो गई हैं।
सरकार ने कहा कि तीन तलाक के कारण मुस्लिम महिलाओं का दर्जा तथा सम्मान से जीने के अधिकार प्रभावित हुए हैं। तीन तलाक को संविधान के अनुच्छेद 25 की सुरक्षा नहीं दी जा सकती।