
किरण रिजिजू ने मुझे मारा, धक्का दिया; लोकसभा में हंगामे के बीच महिला सांसद ने लगाए गंभीर आरोप
संक्षेप: लोकसभा में बुधवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए पेश पेश किए हैं। इस दौरान टीएमसी सांसद ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि उन पर हमला हुआ जिसमें वे जख्मी भी हुई हैं।
बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार के नए बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह ने CM और PM के 30 दिनों तक जेल में रहने की स्थिति में उन्हें पद से हटाए जाने से संबंधित बिल सदन में पेश किया है। इस दौरान विपक्षी दलों ने इसका जोरदार विरोध किया और बिल की प्रतियां फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंक दीं। कांग्रेस सहित अन्य दलों ने सरकार के इस बिल को असंवैधानिक बताया है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस की एक महिला सांसद ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू पर गंभीर आरोप लगा दिए।

गौरतलब है कि हंगामे के बाद लोकसभा की कार्रवाई को स्थगित कर दिया था। इसके बाद संसद परिसर के अंदर पत्रकारों से बातचीत के दौरान टीएमसी सांसद मिताली बाग और शताब्दी रॉय ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसद किरण रिजिजू और रवनीत सिंह बिट्टू ने लोकसभा में महिला सांसदों के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की की।
मिताली बाग ने एक बयान में कहा, "जब हम विधेयक का विरोध कर रहे थे, तब केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और किरण रिजिजू ने मुझ पर अचानक हमला कर दिया। उन्होंने मुझे धक्का दिया। मैं जख्मी हुई हूं।” बाग ने कहा, “मुझे किरण रिजिजू ने मारा, बिट्टू जी ने मारा। उन्होंने महिलाओं पर जोर-जोर से हमला किया। ये लज्जा की बात है। ये धिक्कार की बात है।”
PM और CM को गंभीर अपराध के आरोपों में पद से हटाने का प्रावधान
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में अमित शाह ने तीन विधेयक किए हैं। इनमें संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक शामिल हैं। बाद में उनके प्रस्ताव पर सदन ने तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का फैसला लिया। समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य होंगे और यह अपनी रिपोर्ट अगले संसद सत्र के प्रथम सप्ताह के अंतिम दिन तक पेश करेगी। संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 में प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गंभीर अपराध के आरोपों में पद से हटाने का प्रावधान है, जिसका विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध किया है।





