यूपी के कानपुर से लेकर राजस्थान के अजमेर तक रेल की पटरियों पर गैस सिलेंडर और सीमेंट के ब्लॉक रखने के मामले सामने आए हैं। बीते एक सप्ताह में 4 ऐसे मामले आए हैं, जो ट्रेन को पलटाने की साजिश लगते हैं। इन मामलों ने रेलवे के कान खड़े कर दिए हैं और सतर्कता बरती जा रही है। यूपी से लेकर राजस्थान तक ऐंटी टेररिस्ट स्क्वायड और स्थानीय पुलिस को भी सक्रिय किया गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ऐसी घटनाएं चिंताजनक हैं और पूरी निगरानी बरती जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि कानपुर में रविवार की शाम को गैस सिलेंडर ट्रैक पर रखे जाने के बाद भी कोई हादसा नहीं हो सका।
इसकी वजह यह थी कि ड्राइवर ने वक्त रहते इमरजेंसी ब्रेक मार दिए। अधिकारियों ने कहा कि कानपुर में तो मौके से पेट्रोल और माचिस भी बरामद हुए हैं। इससे संदेह गहरा रहा है कि इसके पीछे कोई आतंकी साजिश भी हो सकती है। दरअसल बीते दिनों पाकिस्तान स्थित एक आतंकी फरहतुल्लाह गोरी ने एक वीडियो जारी किया था। इसमें उसने आतंकियों से कहा था कि वे बड़े पैमाने पर ट्रेनों को पलटाने की कोशिश करें और सप्लाई चेन को निशाने पर लें ताकि भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाया जा सके।
बीते साल जून से अब तक ऐसे 17 केस सामने आए हैं, जब रेल की पटरियों पर लकड़ी के मोटे टुकड़े, पत्थर, गैस सिलेंडर आदि रख दिए गए। या फिर सिग्नल से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई। इसके अलावा कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की ओर से पटरियों के अवैध इस्तेमाल की भी खबरें आई हैं। इन सभी मामलों में आरपीएफ ने केस दर्ज किए हैं और जांच चल रही है। इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में पटरियों की पूरी निगरानी की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि इतने लंबे रूट पर पटरियों की सघन जांच करना संभव नहीं होता, लेकिन पूरा प्रयास किया जा रहा है। कई मामलों में तो नाबालिगों को अरेस्ट किया गया है।
रेलवे सूत्रों का कहना है कि इन मामलों में किसी आतंकी साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि कानपुर में जब घटना सामने आई तो मौके पर आतंक रोधी दस्ता भी पहुंचा। महाराष्ट्र के सोलापुर में भी हाल ही में ऐसी घटना सामने आई, जब रेलवे ट्रैक पर एक स्लैब रख दिया गया। यहां भी ड्राइवर की चुस्ती से हादसा टल गया। इसके अलावा वंदे भारत एक्सप्रेस समेत दो ट्रेनों पर बीते एक सप्ताह में पत्थरबाजी भी हुई है। ऐसी घटनाएं रेलवे की सुरक्षा को लेकर चिंताजनक हैं तो वहीं यात्रियों के बीच भी असुरक्षा का भाव पैदा करती हैं।