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तेलंगाना सुरंग हादसे में फंसे 8 मजदूरों का पता लगाएंगे रोबोट, 4 करोड़ रुपये का आएगा खर्च

  • बचाव अभियान कीचड़ और पानी के रिसाव सहित चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच जारी है। श्वान दस्तों ने ऐसे 2 स्थानों की पहचान की है जहां लोगों के फंसे होने की संभावना हैं। कुत्तों की ओर से पहचानी गई जगहों से बचाव कर्मी गाद हटा रहे हैं।

Niteesh Kumar भाषाSat, 8 March 2025 08:24 PM
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तेलंगाना सुरंग हादसे में फंसे 8 मजदूरों का पता लगाएंगे रोबोट, 4 करोड़ रुपये का आएगा खर्च

तेलंगाना सुरंग हादसे को लेकर बचाव कार्य में अब रोबोट की मदद ली जाएगी। राज्य के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने अधिकारियों को आंशिक रूप से ढही श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग के अंदर बचाव कार्य में रोबोट की मदद लेने का निर्देश दिया। दरअसल, क्षतिग्रस्त टनल बोरिंग मशीन के टुकड़े बचाव कर्मियों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं जिसके कारण सिंचाई मंत्री ने ये निर्देश दिए। सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 22 फरवरी से 8 लोग इसमें फंसे हुए हैं। रेड्डी ने सुरंग स्थल का दौरा किया और जारी बचाव अभियान की विभिन्न संगठनों के अधिकारियों के साथ समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार रोबोट विशेषज्ञों की सेवाओं का उपयोग करके बचाव कार्य में 4 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

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आधिकारिक विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया है कि विशाल टीबीएम के टुकड़े सुरंग के अंदर पानी, मिट्टी और पत्थरों में मिल गए हैं। इसलिए वे बचाव दल के लिए खतरा बन गए हैं। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने 2 मार्च को सुरंग का दौरा किया था। उन्होंने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया था कि अगर आवश्यक हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए, ताकि बचाव कर्मियों को कोई खतरा नहीं हो।

बचाव अभियान में कई चुनौतियां

सिंचाई मंत्री ने सुरंग ढहने की घटना को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए कहा कि सरकार बचाव अभियान जारी रखने के लिए कृतसंकल्प है। हालांकि, सुरंग के अंदर ऑक्सीजन का निम्न स्तर, पानी का अधिक रिसाव और टीबीएम के बड़े हिस्से पानी व मिट्टी में मिल जाने जैसी स्थितियों के कारण बचाव अभियान में चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। सुरंग के अंदर टीबीएम क्षतिग्रस्त हो गई थी और बचाव दल फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए उसके हिस्सों को काट रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार बचाव कार्य में शामिल श्रमिकों और अधिकारियों के साथ पूरी तरह खड़ी रहेगी। उन्होंने अधिकारियों को फंसे हुए लोगों का पता लगाने के लिए विश्व की मॉडर्न टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का निर्देश दिया।

सीएम घटनास्थल का फिर करेंगे दौरा

बचाव अभियान की निगरानी कर रहे विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार और अन्य अधिकारियों ने मंत्री को अभियान की प्रगति के बारे में जानकारी दी। विज्ञप्ति में बताया गया कि मंत्री ने अभियान में आ रही बाधाओं, गति से काम नहीं हो पाने के कारणों और चुनौतियों को दूर करने के लिए उठाए गए। इसके लिए राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों, रैट होल खनिकों, रोबोट विशेषज्ञों और अन्य के साथ चर्चा की गई। मंत्री ने कड़ी मेहनत कर रहे अधिकारियों, विशेषज्ञों और कर्मियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वह 11 मार्च को फिर से सुरंग स्थल का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी या तो स्थल का दौरा करेंगे या हैदराबाद में बचाव अभियान की समीक्षा करेंगे।

कुत्तों की ली गई मदद

बचाव अभियान कीचड़ और पानी के रिसाव सहित चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच जारी है। श्वान दस्तों ने ऐसे 2 स्थानों की पहचान की है जहां लोगों के फंसे होने की संभावना हैं। कुत्तों की ओर से पहचाने गए स्थानों से बचाव कर्मी गाद हटाने का कार्य कर रहे हैं। केरल पुलिस का श्वान दस्ता शुक्रवार सुबह इस अभियान में शामिल हुआ। ऐसे कुत्तों को लापता लोगों और शवों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। केरल पुलिस में श्वान दस्ते में शामिल ये कुत्ते (बेल्जियम मैलिनोइस नस्ल के) 15 फुट की गहराई से भी गंध का पता लगा सकते हैं। एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूरों समेत 8 लोग फंसे हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।