RJD को A-Z पार्टी बनाने की कोशिश में तेजस्वी, भूमिहार वोट बैंक को साधने में जुटे
संक्षेप: RJD पहले से ही कुशवाहा समुदाय को जोड़ने की कोशिश में लगी हुई है और अब भूमिहारों को अपने पाले में लाने की यह कोशिश पार्टी की जातीय समीकरणों को व्यापक करने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।

बिहार चुनावों से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अब खुद को ‘A-to-Z’ यानी सभी जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी के रूप में पेश करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसी क्रम में पार्टी ने राज्य की प्रभावशाली भूमिहार समुदाय को साधने के लिए सक्रिय पहल शुरू की है।
बिहार में भूमिहारों की कुल जनसंख्या में हिस्सेदारी केवल करीब 2.8% से 2.9% है, लेकिन राजनीतिक रूप से यह समुदाय बेहद प्रभावशाली माना जाता है। भूमिहारों का असर न सिर्फ अपने वर्ग में बल्कि अन्य जातियों के मतदान व्यवहार पर भी देखा जाता है।
RJD अब इन्हें साधने की कोशिश कर रही है। शुक्रवार को जदयू (JDU) नेता और घोसी से पूर्व विधायक राहुल शर्मा जो जदयू के वरिष्ठ नेता जगदीश शर्मा के पुत्र हैं ने RJD का दामन थाम लिया। इसके अलावा पार्टी एलजेपी (LJP) के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को भी रविवार को शामिल करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, RJD लालगंज विधानसभा सीट से अन्नू शुक्ला को उम्मीदवार बनाने पर भी विचार कर रही है।
कुशवाहा और भूमिहार दोनों पर फोकस
RJD पहले से ही कुशवाहा समुदाय को जोड़ने की कोशिश में लगी हुई है और अब भूमिहारों को अपने पाले में लाने की यह कोशिश पार्टी की जातीय समीकरणों को व्यापक करने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। तेजस्वी यादव नेतृत्व वाली RJD यह दिखाना चाहती है कि वह अब केवल ‘MY (मुस्लिम-यादव)’ समीकरण तक सीमित नहीं, बल्कि सभी जातियों को साथ लेकर चलने वाली ‘A-to-Z’ पार्टी बनना चाहती है।





