Hindi NewsIndia NewsSupreme Court says Other documents too can be forged not just Aadhaar Bihar SIR

आधार ही क्यों, राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस भी हो सकते हैं फर्जी; बिहार में SIR पर सुप्रीम कोर्ट

संक्षेप: वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय का कहना था कि आधार विदेशियों को भी जारी होता है। अगर 8 सितंबर के आदेश में बदलाव नहीं हुआ तो ये विनाशकारी होगा। इस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि विनाश हो या न हो, ये चुनाव आयोग देखेगा।

Tue, 16 Sep 2025 08:09 AMNiteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान
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आधार ही क्यों, राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस भी हो सकते हैं फर्जी; बिहार में SIR पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर अपने 8 सितंबर के आदेश में बदलाव करने से इनकार कर दिया। अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वो एक नोटिस जारी करे, जिसमें कहा जाए कि विशेष गहन संशोधन (SIR) के तहत वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए आधार मान्य होगा। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमलाया बागची की बेंच ने कहा कि यह आदेश सिर्फ अंतरिम है और आधार की वैधता का मसला अभी SIR से जुड़े मामले में तय होना बाकी है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दूसरे दस्तावेज भी उतने ही जाली हो सकते हैं, जितना आधार। ऐसे में सिर्फ आधार को बाहर नहीं किया जा सकता।

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एससी ने यह टिप्पणी तब की, जब बीजेपी नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने 8 सितंबर के आदेश में बदलाव की मांग की था। उनका कहना था कि आधार को नागरिकता का सबूत नहीं माना जा सकता। इसे चुनाव आयोग की ओर से स्वीकार किए जाने वाले अन्य दस्तावेजों के बराबर नहीं रख सकते। इस पर बेंच ने कहा, 'ड्राइविंग लाइसेंस जाली हो सकता है, राशन कार्ड जाली हो सकता है। कई दस्तावेज जाली हो सकते हैं। आधार का इस्तेमाल कानून की इजाजत के दायरे में होगा।' उपाध्याय का कहना था कि आधार विदेशियों को भी जारी होता है। अगर 8 सितंबर के आदेश में बदलाव नहीं हुआ तो ये विनाशकारी होगा। इस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि विनाश हो या न हो, ये चुनाव आयोग देखेगा।

SIR को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने फैसले में आगे कहा, 'हम इस मसले को खुला रख रहे हैं। न तो हम इसे खारिज कर रहे हैं और न ही स्वीकार।' अदालत बिहार के विशेष गहन संशोधन (SIR) को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इससे पहले कोर्ट को बताया गया था कि 1 अगस्त को प्रकाशित मसौदा वोटर लिस्ट से 65 लाख नाम हटाए गए थे। 14 अगस्त को कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वो SIR के दौरान हटाए जाने वाले इन 65 लाख वोटरों की लिस्ट अपलोड करे। 22 अगस्त को कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों का नाम मसौदा वोटर लिस्ट से हटाया गया है, वो अपने आधार कार्ड को पहचान के सबूत के तौर पर इस्तेमाल करके वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं। इससे पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि वो इसके लिए सिर्फ ग्यारह अन्य पहचान दस्तावेजों को ही स्वीकार करेगा।

Niteesh Kumar

लेखक के बारे में

Niteesh Kumar
नीतीश 7 साल से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। जनसत्ता डिजिटल से बतौर कंटेंट प्रोड्यूसर शुरुआत हुई। लाइव हिन्दुस्तान से जुड़ने से पहले टीवी9 भारतवर्ष और दैनिक भास्कर डिजिटल में भी काम कर चुके हैं। खबरें लिखने के साथ ग्राउंड रिपोर्टिंग का शौक है। लाइव हिन्दुस्तान यूट्यूब चैनल के लिए लोकसभा चुनाव 2024 की कवरेज कर चुके हैं। पत्रकारिता का पढ़ाई IIMC, दिल्ली (2016-17 बैच) से हुई। इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी के महाराजा अग्रसेन कॉलेज से ग्रैजुएशन किया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले हैं। राजनीति, खेल के साथ सिनेमा में भी दिलचस्पी रखते हैं। और पढ़ें
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