Hindi NewsIndia NewsSupreme Court reprimanded Justice Yashwant Verma who was embroiled in cash scandal
याचिका दाखिल ही नहीं होनी थी, कैश कांड में फंसे जज यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

याचिका दाखिल ही नहीं होनी थी, कैश कांड में फंसे जज यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

संक्षेप: नकदी मामले में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से फटकार का सामना करना पड़ा है। शीर्ष न्यायालय का कहना है कि यह याचिका दाखिल ही नहीं होनी चाहिए थी। जस्टिस वर्मा ने याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ जारी हुई रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की थी।

Mon, 28 July 2025 01:41 PMNisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान
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नकदी मामले में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से फटकार का सामना करना पड़ा है। शीर्ष न्यायालय का कहना है कि यह याचिका दाखिल ही नहीं होनी चाहिए थी। जस्टिस वर्मा ने याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ जारी हुई रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की थी। दरअसल, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी।

सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह ने याचिका दाखिल होने पर सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि मांगी गई प्राथमिक राहत ही सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ है। याचिका में जस्टिस वर्मा ने आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया है, जिसमें उन्हें नकदी बरामदगी विवाद में दोषी पाया गया है।

पीठ ने न्यायमूर्ति वर्मा से उनकी याचिका में पक्षकारों को लेकर सवाल किए और कहा कि उन्हें अपनी याचिका के साथ आंतरिक जांच रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए थी। जस्टिस वर्मा की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अनुच्छेद 124 (उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन) के तहत एक प्रक्रिया है और किसी न्यायाधीश के बारे में सार्वजनिक तौर पर बहस नहीं की जा सकती है।

सिब्बल ने कहा, ‘‘संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर वीडियो जारी करना, सार्वजनिक टीका टिप्पणी और मीडिया द्वारा न्यायाधीशों पर आरोप लगाना प्रतिबंधित है।” पीठ ने इस पर कहा, ‘‘आप जांच समिति के सामने क्यों पेश हुए? क्या आप समिति के पास यह सोचकर गए, कि शायद आपके पक्ष में फैसला आ जाए।”