Hindi NewsIndia NewsSupreme Court on Balwant Singh Rajoana who killed Punjab chief minister Beant Singh
उसे अब तक फांसी पर क्यों नहीं लटकाया? CM के हत्यारे पर SC के सवाल, 29 साल से जेल में है हत्यारा

उसे अब तक फांसी पर क्यों नहीं लटकाया? CM के हत्यारे पर SC के सवाल, 29 साल से जेल में है हत्यारा

संक्षेप: पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोप में बलवंत सिंह राजोआना बीते 29 साल से जेल में बंद है। उच्चतम न्यायालय ने पूछा है कि जब केंद्र ने इसे गंभीर अपराध माना था तो उसे अब तक फांसी क्यों नहीं दी गई?

Wed, 24 Sep 2025 09:14 PMJagriti Kumari पीटीआई, नई दिल्ली
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोपी को लेकर केंद्र सरकार से कुछ सख्त सवाल पूछे हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि जब केंद्र ने इसे "गंभीर अपराध" बताया था, तो बलवंत सिंह राजोआना को अब तक फांसी क्यों नहीं दी गई है? बता दें कि 1995 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का दोषी बलवंत सिंह राजोआना पिछले 29 सालों से जेल में बंद है। 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय के एंट्री गेट पर हुए एक विस्फोट में बेअंत सिंह और 16 अन्य लोग मारे गए थे। इसके बाद एक विशेष अदालत ने जुलाई 2007 में राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी।

बुधवार को शीर्ष अदालत राजोआना की दया याचिका पर फैसले में देरी के आधार पर उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने याचिका का विरोध करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन वी अंजारिया की पीठ से कहा कि अपराध बहुत गंभीर श्रेणी का है। इस पर पीठ ने नटराज से पूछा, "आपने उसे अब तक फांसी क्यों नहीं दी? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कम से कम हमने तो फांसी पर रोक तो नहीं लगाई है।" इस पर नटराज ने जल्द से जल्द जवाब देने की बात कही।

सजा कम करने की मांग

इस दौरान राजोआना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल की दया याचिका पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। रोहतगी ने कहा, "पता नहीं क्या हो रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले भी कहा था कि दया याचिका पर समय पर फैसला होना चाहिए। मुकुल रोहतगी ने राजोआना की स्वास्थ्य को लेकर भी सवाल उठाए। रोहतगी ने कहा, “अगर मौत की सजा को खारिज करना है, तो सजा कम की जानी चाहिए। अगर सजा कम होती है, तो वह बाहर आ सकते हैं।”

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15 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

इससे पहले 20 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से उसकी दया याचिका पर निर्णय लेने को कहा था। केंद्र ने तब मामले की संवेदनशीलता का हवाला दिया था और कहा था कि दया याचिका विचाराधीन है। वहीं पिछले साल 25 सितंबर को, सर्वोच्च न्यायालय ने राजोआना की याचिका पर केंद्र, पंजाब सरकार और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन से जवाब मांगा था। फिलहाल पीठ ने मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी है और कहा है कि केंद्र के कहने पर मामले को दोबारा स्थगित नहीं किया जाएगा।

Jagriti Kumari

लेखक के बारे में

Jagriti Kumari
जागृति ने 2024 में हिंदुस्तान टाइम्स डिजिटल सर्विसेज के साथ अपने करियर की शुरुआत की है। संत जेवियर कॉलेज रांची से जर्नलिज्म में ग्रैजुएशन करने बाद, 2023-24 में उन्होंने भारतीय जन संचार संस्थान नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा हासिल किया। खबरें लिखने के साथ साथ ग्राउंड रिपोर्टिंग का शौक है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय संबंध, खेल और अर्थव्यवस्था की खबरों को पढ़ना पसंद है। मूल रूप से रांची, झारखंड की जागृति को खाली समय में सिनेमा देखना और सिनेमा के बारे में पढ़ना पसंद है। और पढ़ें
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