दो युवा वैज्ञानिकों को जीडी बिड़ला सम्मान
विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए केके बिड़ला फाउंडेशन की ओर से मंगलवार को दो युवा वैज्ञानिकों को जीडी बिड़ला सम्मान दिया गया। वर्ष 2015 के लिए यह सम्मान आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग...
विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए केके बिड़ला फाउंडेशन की ओर से मंगलवार को दो युवा वैज्ञानिकों को जीडी बिड़ला सम्मान दिया गया। वर्ष 2015 के लिए यह सम्मान आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर संजय मित्तल को मैकैनिक्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए दिया गया। वहीं, वर्ष 2016 का सम्मान बेंगलुरू स्थित जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च में कार्यरत प्रोफेसर उमेश वी वागमरे को भौतिकी के क्षेत्र में शोध के लिए दिया गया।
बिड़ला हाउस में मंगलवार को आयोजित इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि विज्ञान का सीधा संबंध, उद्योग, अर्थव्यवस्था व देश के विकास से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि शोध के बेहतर परिणाम देश को प्राप्त हों। सिंधिया ने कहा कि विज्ञान के माध्यम से तरक्की का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जीडी बिड़ला जैसे सम्मान से युवा वैज्ञानिकों व विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को काफी प्रोत्साहन मिलता है। कार्यक्रम का संयोजन केके बिड़ला फाउंडेशन के निदेशक सुरेश रितुपर्ण ने किया। इस मौके पर केके बिड़ला फाउंडेशन की अध्यक्षा शोभना भरतिया ने अपने स्वागत भाषण में वैज्ञानिकों के कार्यों की सराहना की।
वर्ष 1991 में अवॉर्ड की शुरुआत की गई थी
शोध के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिए जीडी बिड़ला अवॉर्ड फॉर साइंटिफिक रिसर्च की शुरुआत वर्ष 1991 में की गई थी। इस सम्मान को विशेष तौर पर ऐसे युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया था जो भारत में रह कर अपना शोध कार्य कर रहे हैं और विज्ञान के क्षेत्र में उनका विशिष्ट योगदान है।