हरिद्वार धर्म संसद मामला, यति नरसिंहानंद और सागर सिंधुराज के खिलाफ भी दर्ज हुई FIR
हरिद्वार पुलिस ने हरिद्वार धर्म संसद मामले में दर्ज अपनी FIR में अब वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर कथित अभद्र भाषा के मामले में हिंदू नेताओं यति नरसिंहानंद और सागर सिंधुराज के भी नाम जोड़े हैं।...
हरिद्वार पुलिस ने हरिद्वार धर्म संसद मामले में दर्ज अपनी FIR में अब वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर कथित अभद्र भाषा के मामले में हिंदू नेताओं यति नरसिंहानंद और सागर सिंधुराज के भी नाम जोड़े हैं। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया, "वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर, दो और नाम, सागर सिंधु महाराज और यति नरसिंहानंद गिरी, को आगे की जांच के बाद धर्म संसद अभद्र भाषा मामले में प्राथमिकी में जोड़ा गया है। प्राथमिकी में धारा 295A को शामिल किया गया है।" गौरतलब है कि पिछले हफ्ते हरिद्वार में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जहां मुस्लिम समुदाय, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, महात्मा गांधी के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप है।
वायरल हुए थे धर्म संसद के वीडियो
इससे पहले, प्राथमिकी में धर्म दास, अन्नपूर्णा, वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी और धर्म संसद से जुड़े कुछ अन्य लोगों के नाम का जिक्र था। ये कथित धर्म संसद 17 से 18 दिसंबर के बीच हुई थी। धार्मिक मण्डली के खुलेआम नरसंहार का आह्वान करने वाले वीडियो वायरल होने के बाद, उत्तराखंड पुलिस ने रिजवी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (विभिन्न समुदायों के बीच धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। रिजवी उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। रिजवी ने पिछले महीने हिंदू धर्म अपना लिया था।
राष्ट्रपति और पीएम तक पहुंचा मामला
हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित कथित धर्म संसद में विवादित भाषणों की शिकायत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी की गई है। तीन पूर्व सेना प्रमुखों समेत 100 से ज्यादा लोगों ने 31 दिसंबर को राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। चिट्ठी पर दस्तखत करने वालों में पूर्व सैन्य अधिकारी, नौकरशाह और कई जानी-मानी शख्सियतें शामिल हैं।
वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र
इससे पहले, वकीलों के एक समूह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखकर उनसे हरिद्वार और नई दिल्ली में आयोजित ऐसी धर्म संसदों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया था। 76 वकीलों द्वारा लिखे गए पत्र में दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी द्वारा और हरिद्वार में यति नरसिंहानंद द्वारा 17 और 19 दिसंबर, 2021 को आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों पर कार्रवाई करने को कहा गया था।