महिलाएं जिनके छोटे बच्चे हैं फील्ड से सीधे घर जा सकती हैं
फील्ड में काम कर रही महिला कर्मियों को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के ताजा फैसले से बड़ी राहत मिली है। वे महिलाएं जिनके छोटे बच्चे हैं फील्ड से सीधे घर जा सकती हैं। उन्हें दफ्तर आकर हाजिरी...
फील्ड में काम कर रही महिला कर्मियों को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के ताजा फैसले से बड़ी राहत मिली है। वे महिलाएं जिनके छोटे बच्चे हैं फील्ड से सीधे घर जा सकती हैं। उन्हें दफ्तर आकर हाजिरी लगाने की जरूरत नहीं होगी।
कैट ने डॉ. फरहीन बेगम की याचिका पर सुनवाई के दौरान मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम-2017 की उपधारा-3 बी (5) को परिभाषित किया। न्यायाधिकरण ने कहा कि अगर महिला को दफ्तर आने को बाध्य किया जाता है तो इस कानून का मूल उद्देश्य ही भटक जाएगा।
न्यायाधिकरण के सदस्य एके बिश्नोई ने यह फैसला देते हुए कहा है कि दफ्तर के बाहर काम खत्म होने के बाद महिलाओं को बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराने के लिए दफ्तर आने को बाध्य नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब उनका बच्चा छोटा हो। इसके साथ कैट ने 2018 में फील्ड से सीधे घर जाने की वजह से बेगम के रोके गए वेतन का भी भुगतान करने का आदेश दिया।
महिलाओं को राहत, दिल्ली की डॉ. फरहीन ने उठाई थी आवाज
दिल्ली की डॉ. फरहीन बेगम ने कैट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि राजधानी के पांच ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल ओपीडी क्लीनिक का परिचालन करना होता है। उन्हें सुबह दफ्तर और दिनभर फील्ड में काम के बाद शाम को ऑफिस में उपस्थिति दर्ज कराने जाना होता था। 8 जुलाई 2017 को उन्होंने बच्चे को जन्म दिया था। मार्च 2018 में उन्होंने फील्ड से सीधे घर जाने की अनुमति मांगी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। बाद में जून 2018 में उनका वेतन रोक दिया गया।
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