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सीमा विवाद के बीच हैरान करने वाली खबर, बिहार में मिलने वाले राशन के चावल से चीन में बन रही शराब, जानें कैसे

सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन में जारी तनाव के बीच एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। बिहार के सीमांचल इलाके के मोटे चावल से चीन, भूटान, और वियतनाम में शराब बनाई जा रही है। यहां के...

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luxury car and auto rickshaw were replaced by transporting rice
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Shankar Panditकेके गौरव,पूर्णियाWed, 06 Jan 2021 07:25 AM
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सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन में जारी तनाव के बीच एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। बिहार के सीमांचल इलाके के मोटे चावल से चीन, भूटान, और वियतनाम में शराब बनाई जा रही है। यहां के खेतों में मोटे चावल उपजाए जाते हैं। साथ ही राशन की दुकानों में भी मोटे चावल ही मिल रहे हैं। राशन की दुकानों से चावल की कालाबाजारी काफी होती है। इसकी मुख्य वजह है चीन, भूटान में इसकी लगातार बढ़ रही मांग। बताया जाता है राशन की दुकानों में मिलने वाली चावल की क्वालिटी ऐसी होती है कि इसे सभी उपभोक्ता खाना पसंद नहीं करते हैं। वह राशन लेने के बाद इसे कम दामों में बेच देते हैं। यही चावल बिचौलिया खरीदकर भूटान, चीन और वियतनाम भेज देता है, जहां पर इससे शराब बनाई जा रही है।

असम, पश्चिम बंगाल, गंगटोक के रास्ते यह चावल भूटान, चीन और वियतनाम भेजा जा रहा है। हाल के दिनों में मोटे चावल की मांग काफी बढ़ी है और इसके रेट में भी काफी इजाफा हो गया है। शराब बनाने के कारण सीमांचल के चावल की काफी मांग है। ऐसे पहाड़ी इलाके जहां पर धान की खेती नहीं होती है, वहां पर यहां के सरकारी दुकानों पर दिए जाने वाले चावल की मांग भी अधिक होती है। यही वजह है कि अमूमन पठारी इलाके के लोग इस तरह के मोटे चावल को भी महंगे दामों में खरीद कर खाते हैं। प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में ट्रक में लोड कर मोटे चावल की खेप को असम, पश्चिम बंगाल और अन्य जगहों पर भेजी जाती हैं।

इसमें अधिकांश जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के द्वारा दिए जाने वाले चावल होते हैं। अक्सर मोटा चावल लोग खाना पसंद नही करते हैं और बिचौलिया इसे कम दाम में खरीद कर ऊंचे दामों में बेच देता है। इस वजह से ऐसे चावल की कालाबाजारी भी इन दिनों परवान पर है। पुर्णिया में अक्सर सभी प्रखंडों में कालाबाजारी के चावल पकड़े भी जाते हैं।

कसबा , जलालगढ़, हरदा बन गया है कालाबाजारी का अड्डा

जन वितरण प्रणाली के चावल के कालाबाजारी का अड्डा इन दिनों कसबा जलालगढ़ और हरदा बन गया है। 17 सितंबर को गुप्त सूचना के आलोक पर कसबा रानी सती चौक स्थित संजय कुमार साह के गोदाम पर पुलिस ने भारी मात्रा में सरकारी चावल बरामद किया था। उसके गोदाम को भी सील कर दिया था लेकिन एक बार फिर से संजय कुमार साह के द्वारा दूसरे जगह कालाबाजारी के चावल बेचने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके बाद सदर एसडीओ के आदेश पर अपर एसडीएम रंजीत कुमार ने गुलाबबाग के पोखरिया रोड में मनोज गुप्ता के गोदाम में भी गुप्त सूचना के आलोक पर सरकारी चावल बेचने को लेकर छापेमारी किया था। लेकिन सूचना लीक होने के बाद मनोज गुप्ता गोडाउन बंद कर फरार हो गया। बताया जाता है कि अनुमंडल प्रशासन और पुलिस के रडार पर अभी भी मनोज गुप्ता है और उनके द्वारा गुप्त रूप से अभी भी सरकारी चावल का कालाबाजारी धड़ल्ले से किया जा रहा है। सदर एसडीपीओ आनंद कुमार ने बताया कि कालाबाजारी की सूचना मिलने के बाद अक्सर कार्रवाई की जाती है।

ट्रांसपोर्ट में प्रतिदिन चावल के लिए हो रही है ट्रकों की बुकिंग

गुलाब बाग जीरोमाइल स्थित एक निजी ट्रांसपोर्ट चलाने वाले गुलाम रसूल खान ने बताया कि प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में चावल की खेप लेकर पश्चिम बंगाल, असम के तिनसुकिया, डिब्रूगढ़ और भूटान समेत अन्य जगह जाने के लिए बुकिंग हो रही है। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में चावल के व्यवसाय में काफी तेजी आई है और डिमांड अधिक होने की वजह से इधर से लगातार ट्रक चावल की खेप लेकर इन जगहों पर जाने लगा है। उन्होंने बताया कि अक्सर इस तरह के चावल को ले जाने में रास्ते में दिक्कत भी होती है। लेकिन व्यवसाई के द्वारा पश्चिम बंगाल तक पहुंचाने का जिम्मा लिया जाता है और उनके द्वारा ही रास्ते में सभी थाना और चेक पोस्ट को मैनेज करने का काम किया जाता है।

पिछले माह भी हुए दो मामला दर्ज

पूर्णिया के डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर सुशील कुमार ने कहा कि कालाबाजारी को लेकर जिले में लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। पिछले माह भी बायसी और बीकोठी थाना क्षेत्र में दो जगहों पर कालाबाजारी के चावल को पकड़ा गया था । एफआईआर भी दर्ज करवाए गए थे। अन्य जगहों पर भी जल्द ही टीम बनाकर छापेमारी की जाएगी। गुप्त सूचना इकट्ठा की जा रही है।