Hindi Newsदेश न्यूज़Will PM Modi visit Manipur before or after his Ukraine visit Congress takes a sharp jibe - India Hindi News

यूक्रेन यात्रा से पहले या बाद में मणिपुर जाएंगे PM मोदी? कांग्रेस का तीखा तंज

भाजपा मणिपुर पर शासन करती है। अगर यूक्रेन की यात्रा होती है तो यह प्रधानमंत्री की वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के नेतृत्व वाले देश की पहली यात्रा होगी, जिस पर फरवरी 2022 में रूस ने हमला किया था।

यूक्रेन यात्रा से पहले या बाद में मणिपुर जाएंगे PM मोदी? कांग्रेस का तीखा तंज
Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।Sun, 28 July 2024 06:50 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित यूक्रेन यात्रा को लेकर विपक्षी ने उन पर निशाना साधा है। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने रविवार को पूछा कि क्या प्रधानमंत्री यूरोपीय राष्ट्र यूक्रेन की अपनी यात्रा से पहले या बाद में जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर का दौरा करेंगे।''

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मणिपुर के मुख्यमंत्री नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में भाग लेते हैं, जिसकी अध्यक्षता स्वयंभू गैर-जैविक प्रधानमंत्री करते हैं। फिर मणिपुर के मुख्यमंत्री उसी देवता की अध्यक्षता में भाजपा के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेते हैं।” 

उन्होंने आगे लिखा, “मणिपुर के लोग जो सरल प्रश्न पूछ रहे हैं वह यह है: क्या एन. बीरेन सिंह ने नरेंद्र मोदी से अलग-अलग मुलाकात की और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की? क्या एन बीरेन सिंह ने नरेंद्र मोदी को यूक्रेन की यात्रा से पहले या बाद में मणिपुर आने के लिए आमंत्रित किया?''

आपको बता दें कि कांग्रेस ने बार-बार प्रधानमंत्री की आलोचना की है कि वे मणिपुर का दौरा नहीं कर रहे हैं। राज्य मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष के कारण जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा मणिपुर पर शासन करती है। अगर यूक्रेन की यात्रा होती है तो यह प्रधानमंत्री की वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के नेतृत्व वाले देश की पहली यात्रा होगी, जिस पर फरवरी 2022 में रूस ने हमला किया था। 

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की उन विश्व नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने जून में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी के जीतने पर उन्हें बधाई दी थी। प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय यात्रा रूस की थी, जिसे ज़ेलेंस्की ने शांति प्रयासों के लिए विनाशकारी झटका बताया था। 

पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखने के लिए भारत की आलोचना की है। साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ प्रस्तावों पर मतदान से बार-बार परहेज किया है।

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