India-Canada Relations: कौन था खालिस्तानी हरदीप निज्जर, जिस पर कनाडा और भारत में बढ़ा तनाव
Hardeep Singh Nijjar: NIA ने जालंधर में 2021 में एक हिंदू पुजारी पर हमले के मामले में निज्जर की गिरफ्तारी में सहायता के लिए सूचना देने पर पिछले साल जुलाई में 10 लाख रुपये नकद इनाम की घोषणा की थी।

भारत और कनाडा के रिश्तों में एक बार फिर तल्खी के संकेत मिल रहे हैं। इस बार वजह खालिस्तानी टाइगर फोर्स यानी KTF के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर बन रहा है। निज्जर की जून में हत्या कर दी गई थी। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो आशंका जता रहे हैं कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत की भूमिका भी हो सकती है। निज्जर पर 10 लाख रुपये का भी इनाम था। खास बात है कि इससे पहले लंदन के एक अस्पताल में एक और खालिस्तानी नेता अवतार सिंह खांडा की भी मौत हो गई थी।
कौन था हरदीप सिंह निज्जर?
अधिकारियों ने बताया है कि निज्जर पंजाब में जालंधर के भारसिंघपुर गांव का रहने वाला था। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने अपने दस्तावेजों में कनाडा स्थित पते '8193, 143-ए स्ट्रीट, सरी बीसी, कनाडा और 1418, 142 स्ट्रीट, 72 एवेन्यू (ब्रिटिश कोलंबिया)' को भी शामिल किया है। खबर है कि खांडा और निज्जर ने भारतीय उच्चायोगों के बाहर प्रदर्शन किया था। साथ ही दोनों भारत में आतंकी हमले कराने में भी शामिल रहे थे।
NIA ने जालंधर में 2021 में एक हिंदू पुजारी पर हमले के मामले में निज्जर की गिरफ्तारी में सहायता के लिए सूचना देने पर पिछले साल जुलाई में 10 लाख रुपये नकद इनाम की घोषणा की थी। इससे तीन महीने पहले ही एनआईए ने हमले के सिलसिले में उसके और तीन अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
जांच एजेंसी के अनुसार, निज्जर भारत में खालिस्तान समर्थक समूह 'सिख्स फॉर जस्टिस' के अलगाववादी और हिंसक एजेंडा को भी बढ़ावा दे रहा था। इसके अलावा वह आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू और परमजीत सिंह पम्मा के साथ भी सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) के तहत काम कर चुका है। SFJ को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने साल 2019 में बैन कर दिया था।
पाकिस्तान से जुड़े तार
साल 2020 में 46 वर्षीय निज्जर को UAPA के तहत आतंकी घोषित कर दिया गया था। वह पंजाब में कई टारगेट किलिंग्स के मामलों में नहीं, बल्कि भारत विरोधी गतिविधियों के लिए युवाओं को भड़काने का भी आरोपी था। वह पाकिस्तानी एजेंट्स के भी संपर्क में था। बब्बर खालसा का सदस्य रहे निज्जर KTF में आ गया था और यहां का प्रमुख भी बन गया था। खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि निज्जर केटीएफ नेता जगतार सिंह दारा और पाकिस्तान एजेंसी ISI के हैंडलर्स से मिलने के लिए साल 2013-14 में पाकिस्तान भी गया था।
खालिस्तानियों का समूह
निज्जर, अमेरिका में बैठे गुरपतवंत सिंह पन्नू, ब्रिटेन के परमजीत सिंह पम्मा और अवतार सिंह खांडा के साथ काफी सक्रिय था। खांडा की भी जून में मौत हो गई थी। भारतीय खुफिया अधिकारियों का कहना है कि खांडा, पम्मा, पन्नू और निज्जर साथ काम कर रहे थे और निज्जर और पम्मा का हाथ खांडा की मौत हो सकते हैं। इसकी वजह उच्चायोग पर हमले के बाद खांडा की पहचान उजागर हो जाना थी।