कहां खाली हैं वैकेंसी, रोजगार की पूरी तस्वीर दिखाएगा सरकारी डेटाबेस; जानिए क्या है प्लान
श्रम मंत्री मंसुख मांडविया ने विभिन्न मंत्रालयों के रोजगार डेटा को एक केंद्रीकृत डेटाबेस में संग्रहीत करने की योजना बनाई है, जिससे नौकरी रिक्तियों की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
श्रम और रोजगार मंत्री मंसुख मांडविया ने एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने की योजना की अगुवाई की है, जिससे देश में उत्पन्न होने वाली नौकरियों का समग्र डेटा एक जगह पर उपलब्ध हो सके। मांडविया ने बताया कि वर्तमान में नौकरियों से संबंधित डेटा विभिन्न एजेंसियों और मंत्रालयों में बिखरा हुआ है, जिससे नौकरी रिक्तियों की सटीक जानकारी प्राप्त करना कठिन हो जाता है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, श्रम सचिव सुमिता डावरा और अन्य मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने इस महत्वपूर्ण चर्चा में भाग लिया।
वर्तमान में, रोजगार के आंकड़े कई संस्थाओं द्वारा तैयार किए जाते हैं, जैसे कि रिजर्व बैंक, सांख्यिकी मंत्रालय, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, और राज्य बीमा योजना। इन संस्थाओं के डेटा को एक जगह एकत्र करने से नौकरी सृजन की व्यापक तस्वीर सामने आएगी। एक अधिकारी ने बताया कि कई मंत्रालय अपने संघीय कार्यक्रमों के माध्यम से सृजित रोजगार का रिकॉर्ड रखते हैं, जिससे सही अनुमान लगाना मुश्किल होता है।
केंद्रीकृत डेटाबेस की कमी के कारण सरकार के पास विभिन्न मंत्रालयों द्वारा रिपोर्ट किए गए नौकरियों के आंकड़ों की व्यापक जानकारी तक पहुंचने का तंत्र नहीं है। नए डेटाबेस पर सभी रोजगार उत्पन्न करने वाले मंत्रालय अपनी जानकारी अपलोड करेंगे, इससे रिक्त पदों के डेटा की जानकारी हासिल करना आसान हो जाएगा। इस कदम से श्रम मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और उनके नौकरी सृजन में योगदान का सही आकलन हो सकेगा। बता दें कि इस योजना को अंतिम रूप देने के लिए और भी बैठकें होंगी।
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