जब जेठमलानी ने कहा था- अटलजी उनसे डरते थे, दूसरे से कराया था फोन
दिवंगत कानूनविद् राम जेठमलानी के सामने बड़े-बड़ों की हेकड़ी निकल जाती थी। ऐसे कई किस्से उनके बारे में मशहूर हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कानूनविद् राम जेठमलानी ने एक बार कहा था कि गलत व्यक्ति को...
दिवंगत कानूनविद् राम जेठमलानी के सामने बड़े-बड़ों की हेकड़ी निकल जाती थी। ऐसे कई किस्से उनके बारे में मशहूर हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कानूनविद् राम जेठमलानी ने एक बार कहा था कि गलत व्यक्ति को वोट देने वाला लोकतंत्र का दुश्मन होता है। चुनने से पहले व्यक्ति का पिछला चरित्र जान लेना चाहिए। नहीं तो बाद में भुगतना पड़ता है। राजनीतिक घटनाक्रम की पुरानी यादों को कुरेदते हुए उन्होंने कहा था कि अटलजी उनसे डरते थे। अटल ने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए दूसरे मंत्री से फोन कराया था।
बेबाक टिप्पणी के लिए मशहूर राम जेठमलानी ने यह उद्गार बर्रा दो स्थित सिंधु इंटर स्कूल में आयोजित ‘लोकतंत्र में विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया की भूमिका’ पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए थे।
लोकतंत्र पर सीख देते हुए उन्होंने कहा था कि मताधिकार का प्रयोग करते समय सजग रहने की जरूरत है। चुनने वाले व्यक्ति को देखें। उनका पिछला चरित्र देखें। उन्होंने यह भी कहा था कि वोट के जरिए गलत चुनाव करने वाला मतदाता लोकतंत्र का दुश्मन है। भाजपा को आडे़ हाथ लेते हए उन्होंने कहा था कि भाजपा का संस्थापक सदस्य हूं। अटल की सरकार बनी तो शहरी विकास मंत्री बना दिया था। लॉ मंत्री बनना चाहता था। यह मौका जयललिता से जुड़े व्यक्ति को दिया गया। सूचना अधिकार तो उस समय ही लागू किया। शहरी विकास मंत्रालय में आदेश किया कि 10 रुपए में किसी भी फाइल की जानकारी ली जा सकती है। पार्टी स्तर पर यह फैसला ठीक नहीं माना गया। एक साल में 30 लाख गरीबों को मकान देने की योजना बनाई। फैसलों पर किसी ने विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटाई। यहां तक कि अटलजी तक डरते थे।
जसवंत सिंह के जरिए इस्तीफा मांगा
उन्होंने कहा था कि एक दौर यह आया कि मंत्रालय बदल दिया गया। इस बार लॉ मिनिस्ट्री मिली। एक साल के अनुभव वाले एडवोकेट जनरल बनाया गया। फाइल आई तो विरोध किया। मुंबई से पूना जा रहा था। रास्ते में साथी मंत्री जसवंत सिंह का फोन आया। बोले-अटलजी इस्तीफा चाहते हैं। रास्ते में मिली पहली फैक्स मशीन से इस्तीफा दे दिया। 2010 में भाजपा से फिर बुलावा आया। स्वीकार नहीं किया।
मोदी प्राइम मिनिस्टर ऑफ फॉरेन कंट्री
जेठमलानी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी चुनाव जीते तो एक अखबार में लेख लिखकर बधाई दी। लेख में कमियां भी गिनाईं। यह भी याद दिलाया कि जीत में उनका भी हिस्सा है। प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि धोखेबाज हैं। वह तो प्राइम मिनिस्टर ऑफ फॉरेन कंट्री हैं।
13 की उम्र में मैट्रिक, 17 में LLB.. ऐसे थे जेठमलानी, पढ़ें प्रोफाइल
लालू यादव का केस लड़ रामजेठमलानी बने थे आरजेडी से राज्यसभा सांसद