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क्या है रामसेतु और इस पर क्या है पूरा विवाद, जानिए 10 बातें

भारत और श्रीलंका को जोड़नेवाले रामसेतु जिसे दुनिया एडम्स ब्रिज के नाम से जानती है उस पर अमेरिका में एक चैनल की तरफ से डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने और वहां के वैज्ञानिकों की तरफ से नासा तस्वीर का...

क्या है रामसेतु और इस पर क्या है पूरा विवाद, जानिए 10 बातें
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीम। Wed, 13 Dec 2017 02:32 PM
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भारत और श्रीलंका को जोड़नेवाले रामसेतु जिसे दुनिया एडम्स ब्रिज के नाम से जानती है उस पर अमेरिका में एक चैनल की तरफ से डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने और वहां के वैज्ञानिकों की तरफ से नासा तस्वीर का विश्लेषण कर इसे मानव निर्मित बताने के बाद यह एक बार फिर से राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया है। रामसेतु भारत के दक्षिण-पूर्व स्थित तमिलनाडु के रामेश्वर द्वीप और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच चूने की उथली चट्टानों की एक चेन है। इस पुल को भारत में राम सेतु के नाम से जाना जाता है। आइये जानते हैं रामसेतु के बारे में दस खास बातें और क्या है विवाद-
1-    श्रीलंका के मन्नार द्वीप से भारत के रामेश्वरम तक चट्टानों की जिस चेन को रामसेतु कहा जाता है दुनिया में एडम्स ब्रिज (आदम का पुल) नाम से जाना जाता है।
2-    इस पुल की लंबाई 30 मील यानि 48 किलोमीटर है। यह ढांचा मन्नार की खाड़ी और पाक जलडमरू मध्य को एक दूसरे से अलग करता है।
3-    इस इलाक में समुद्र काफी उथला है। समुद्र में इन चट्टानों की गहराई सिर्फ 3 फुट से लेकर 30 फुट के बीच है।
4-    अनेक जगहों पर यह सूखी और कई जगहों पर उथली है जिसके चलते जहाजों की आवाजाही मुमकिन नहीं है।
5-    इसके बारे में कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में इस ढांचे पर चलकर रामेश्वर से मन्नार द्वीप तक जाया जा सकता था।
6-    लेकिन, तूफानों ने समुद्र को कुछ और गहरा किया और 1480 ईस्वी में यह चक्रवात के चलते टूट गया। 
7-    साल 2005 में भारत सरकार ने सेतुसमुद्रम परियोजना का ऐलान किया था। इसके तहत एडम्स ब्रिज के कुछ इलाकों को हरना कर समुद्री जहाजों के लायक बनाए जाने की योजना थी। इसके लिए कुछ चट्टों को तोड़ना जरुरी था।

8-    माना जा रहा है कि सेतु समुद्रम परियोजना पूरी होने के बाद सारे अंतरराष्ट्रीय जहाज कोलंबो बंदरगाह का लंबा मार्ग छोड़कर इसी नहर से गुजरेंगें, अनुमान है कि 2000 या इससे अधिक जलपोत प्रतिवर्ष इस नहर का उपयोग करेंगे।
9-    नासा से मिली तस्वीर का हवाला देकर दावा किया जाता है कि अवशेष मानवनिर्मित पुल के हैं। नासा का कहना है , ' इमेज हमारी है लेकिन यह विश्लेषण हमने नहीं दिया। रिमोट इमेज से नहीं कहा जा सकता कि यह मानवनिर्मित पुल है।
10-    अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने कहा है कि उसके खगोल वैज्ञानिकों द्वारा ली गई तस्वीरें यह साबित नहीं करतीं कि हिंदू ग्रंथ रामायण में वर्णित भगवान राम द्वारा निर्मित रामसेतु का वास्तविक रूप में कोई अस्तित्व रहा है।
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