तमिलनाडु में तेजी से बढ़ रहा 'मद्रास आई' संक्रमण, आंखों में हो रही दिक्कत; जानिए क्या है ये
अग्रवाल नेत्र अस्पताल के क्लिनिकल सर्विसेज के क्षेत्रीय प्रमुख व वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीनिवासन जी राव का कहना है कि वह हर दिन कम से कम 500 रोगियों में कंजक्टिवाइटिस देख रहे हैं।

तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग और निजी डॉक्टरों ने कंजक्टिवाइटिस (आंख आना) के बढ़ते मामलों के बारे में लोगों को चेतावनी दी है। कंजक्टिवाइटिस अत्यधिक तेजी से फैलने वाला एक नेत्र संक्रमण है। इसे आमतौर पर मद्रास आई के नाम से भी जाना जाता है। स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यन ने कहा कि पूरे तमिलनाडु में हर दिन 4000-4500 मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चेन्नई के 10 सरकारी नेत्र केंद्रों में, 80-100 लोगों को कंजक्टिवाइटिस का पता चला है।
चेन्नई स्थित डॉक्टर अग्रवाल नेत्र अस्पताल के क्लिनिकल सर्विसेज के क्षेत्रीय प्रमुख व वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीनिवासन जी राव का कहना है कि वह हर दिन कम से कम 500 रोगियों में कंजक्टिवाइटिस देख रहे हैं। डॉ राव ने कहा, "हर साल, कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में हल्की वृद्धि दिखाई देती है, क्योंकि मानसून का मौसम समाप्त होने के करीब होता है।"
उन्होंने कहा, “इस साल शहर में लंबे समय तक बारिश ने केस लोड को और बढ़ा दिया है। सभी कंजंक्टिवाइटिस का लगभग 90% एडेनोवायरस के कारण होता है। इससे प्रभावित आंख लाल, खुजलीदार, चिड़चिड़ी और किरकिरी हो जाती है। एडेनोवायरस के चलते आंख से आंसू के समान पानी जैसा स्राव पैदा होता है। कुछ लोगों में यह वायरस तेजी से दूसरी आंख में भी फैल जाता है। खासकर बच्चों में यह तेजी से बढ़ रहा है।”
उत्तर पूर्व मानसून वर्तमान में तमिलनाडु में सक्रिय है और चेन्नई में तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। सोमवार को बोलते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत के बाद से, लगभग 1.5 लाख लोगों का तमिलनाडु में कंजंक्टिवाइटिस के लिए इलाज किया गया है।" मंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि यदि वे संक्रमित हैं तो खुद को आइसोलेट कर लें। सलेम और धर्मपुरी जैसे जिलों में केस लोड अधिक है।
कंजंक्टिवाइटिस या मद्रास आई अक्सर एक जीवाणु या वायरल संक्रमण के कारण होता है और लोगों में तेजी से फैलता है। कंजंक्टिवाइटिस आंख से स्राव के माध्यम से फैलता है। डॉक्टर राव ने कहा, “यदि कोई व्यक्ति अपनी आंख को छूता है, तो वे संक्रमित वायरस या बैक्टीरिया को किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु पर स्थानंतरित कर सकते हैं। लेकिन जो एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस या कंजंक्टिवाइटिस जो केमिकल या जलन के कारण होता है वह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।"




