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गुपकार घोषणा पत्र क्या है जिस पर मचा है बवाल, जानें कैसे पड़ा इसका नाम और कौन-कौन पार्टियां हैं शामिल

बीते कुछ समय से 'गुपकार' शब्द काफी चर्चा में है। यह चर्चा तेज तब और हो गई, जब मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुपकार गठबंधन को गुपकार गैंग बताया और कहा कि गुपकार गैंग में शामिल...

गुपकार घोषणा पत्र क्या है जिस पर मचा है बवाल, जानें कैसे पड़ा इसका नाम और कौन-कौन पार्टियां हैं शामिल
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 18 Nov 2020 12:06 PM
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बीते कुछ समय से 'गुपकार' शब्द काफी चर्चा में है। यह चर्चा तेज तब और हो गई, जब मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुपकार गठबंधन को गुपकार गैंग बताया और कहा कि गुपकार गैंग में शामिल लोग कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहते हैं। एक तरह से अमित शाह ने गुपकार गठबंधन अथवा गुपकार घोषणा पत्र को देशहित के खिलाफ बताया और कहा कि राष्ट्रहित के खिलाफ काम करने पर देश की जनता इसे डुबो देगी। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या है गुपकार घोषणा पत्र और इस बार इतना सियासी बवाल क्यों मचा है? कौन हैं गुपकार गठबंधन में शामिल पार्टियां और क्या है इनका मकसद? 

क्या है गुपकार गठबंधन
दरअसल, गुपकार जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों का एक गठबंधन है, जिसे पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन (पीएजीडी) का नाम दिया गया है, जो एक तरह का घोषणा पत्र है। इसी गुपकार घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली सभी पार्टियों के एक समूह को गुपकार गठबंधन कहा जाता है। इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को पहले की तरह विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की है। इस गुपकार गठबंधन में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अलावा जम्मू-कश्मीर की 6 पार्टियां शामिल है। 

कहां हुई थी और कौन-कौन थे शामिल
गुपकार योजना को लेकर हुई पहली बैठक नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के निवास पर आयोजित की गई थी और इसमें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सजाद लोन, पीपुल्स मूवमेंट के नेता जावेद मीर, सीपीआईएम नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह ने भाग लिया था।

कहां हुई थी पहली बैठक और कौन-कौन हुआ था शामिल

गुपकार घोषणा-पत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, सीपीआई(एम), पीपुल्स मुवमेंट, पैंथर्स पार्टी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल है। इसमें कांग्रेस के भी शामिल होने की खबर है, मगर प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने साफ किया है कि उनकी पार्टी गुपकार गठबंधन का हिस्सा नहीं है। 

क्यों पड़ा गुपकार नाम?
दरअसल, श्रीनगर में एक सड़क का नाम है गुपकार रोड। इसी गुपकार रोड पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का निवास स्थान है। इसी जगह पर यानी फारूक अब्दुल्ला के आवास पर राज्य से आर्टिकल 370 हटने से एक दिन पहले यानी 4 अगस्त 2019 को कश्मीर के कुछ दलों ने एक साथ बैठक की थी।

क्या है गुपकार घोषणा
दरअसल, गुपकार घोषणा नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष के गुपकार स्थित आवास पर चार अगस्त, 2019 को हुई एक सर्वदलीय बैठक के बाद जारी प्रस्ताव है। जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटने और आर्टिकलल 370 खत्म करने के फैसले के एक दिन पहले गुपकार रोड स्थित फारूक अब्दुल्ला के आवास पर भाजपा को छोड़कर कश्मीर के विपक्षी पार्टियों की एक बैठक हुई थी। राज्य में अर्धसैनिकों की तैनाती और असमंजस की स्थिति में यह आपात बैठक हुई, जिसमें राज्य की परिस्थिति को लेकर पार्टियों ने एक साझा बयान जारी किया, जिसे गुपकार समझौता का नाम दिया गया। इस समझौते में कहा गया है कि पार्टियों ने सर्व-सम्मति से फैसला किया है कि जम्मू कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वे मिलकर प्रयास करेंगी।

गुपकार का उद्देश्य
इस गुपकार अलांयस का मुख्य उद्देश्य जम्मू और कश्मीर को वापस विशेष दर्जा दिलाना है। इस गुपकार घोषणा पत्र में कश्मीर की इन पार्टियों ने सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और विशेष राज्य का दर्जा की स्थिति की रक्षा और बचाव के अपने प्रयासों में एकजुट होने पर सहमति व्यक्त की थी। इसमें कहा गया है कि पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन का मकसद सभी हितधारकों के साथ राजनीतिक रूप से वार्ता करना है।
 

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