इस्तीफा दे दूंगा पर माफी नहीं... महिला अधिकारी को धमकाने वाले बंगाल मंत्री के बोल, TMC ने ही खोला मोर्चा
महिला अधिकारी को धमकाने और कथित तौर पर अपशब्द कहने वाले बंगाल के मंत्री अखिल गिरि की मुश्किल बढ़ गई है। टीएमसी ने ही खोला मोर्चा। गिरि ने कहा- इस्तीफा दे दूंगा पर माफी नहीं मांगूंगा।
महिला अधिकारी को धमकाने और कथित तौर पर अपशब्द कहने वाले बंगाल के मंत्री अखिल गिरि की मुश्किल बढ़ गई है। अब उन्हीं की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। टीएमसी ने अखिल गिरि को इस्तीफा देने और राज्य के वन विभाग की एक महिला अधिकारी से माफी मांगने के लिए कहा है। वीडियो में गिरि को महिला अधिकारी को धमकी देते और अपशब्द कहते हुए देखा जा सकता है। वहीं, पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांठी में संवाददाताओं से बात करते हुए गिरि ने कहा कि वह इस्तीफा दे देंगे, लेकिन माफी नहीं मांगेंगे।
अखिल गिरि रामनगर से विधायक हैं। उन्हें वीडियो में वन रेंजर मनीषा साहू को धमकाते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने साहू को धमकाते हुए कहा था कि ताजपुर समुद्र तट के पास वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण हटाये जाने के बाद उनका कार्यकाल घटा दिया जाएगा। घटना का वीडियो सामने आने के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा, ‘‘पार्टी के निर्देश के बाद, प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने रविवार दोपहर अखिल गिरि को फोन किया और उन्हें महिला अधिकारी से माफी मांगने और तुरंत अपना इस्तीफा देने का निर्देश दिया।’’
गिरी ने कहा- इस्तीफा दे दूंगा पर माफी नहीं
गिरि ने कहा कि ‘‘किसी अधिकारी से माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता’’, लेकिन उन्होंने शनिवार को आवेश में आकर की गई अपनी टिप्पणी पर खेद जताया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज रात अपना इस्तीफा ईमेल कर दूंगा और कल विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को व्यक्तिगत रूप से सौंप दूंगा।’’
2022 में राष्ट्रपति पर भी टिप्पणी
तृणमूल के एक और प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी अपने सदस्यों के इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगी और उन्होंने स्वीकार किया कि गिरि के इस बयान से पार्टी की छवि कुछ हद तक धूमिल हुई है। संयोग से, दो साल पहले 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में गिरि की विवादास्पद टिप्पणी की कड़ी आलोचना की गई थी। विपक्ष के भारी हंगामे के बाद तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को गिरि की ‘‘अपमानजनक टिप्पणी’’ के लिए माफी मांगनी पड़ी थी।
मामला क्या है
पश्चिम बंगाल के मंत्री अखिल गिरि ने शनिवार को राज्य वन विभाग की एक महिला अधिकारी और उनकी टीम के सदस्यों को कथित तौर पर धमकाया और अपशब्द कहे। यह घटना उस समय हुई जब वे पूर्वी मेदिनीपुर जिले में ताजपुर समुद्र तट के निकट विभाग की जमीन से अतिक्रमण हटा रहे थे। तृणमूल कांग्रेस के रामनगर से विधायक गिरि स्थानीय लोगों के बीच मौजूद थे। टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित वीडियो में उन्हें महिला अधिकारी मौमिता साहू को कथित तौर पर धमकाते हुए देखा जा सकता है। इस घटना से विवाद पैदा हो गया है। भाजपा ने मंत्री गिरि की गिरफ्तारी की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस ने मंत्री के व्यवहार की आलोचना की है तथा कहा कि पार्टी उनके बयान का समर्थन नहीं करती है।
राज्य वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ताजपुर में समुद्र तट के निकट वन विभाग की जमीन पर कुछ दुकानें अवैध रूप से बनाई गई थीं। ये दुकानें समुद्र के इतने नजदीक थीं कि ज्वार के दौरान जलमग्न हो जाती थीं। शुक्रवार रात को इन दुकानों को हटा दिया गया।’’ अतिक्रमण रोधी अभियान के बारे में जानने के बाद गिरि स्थानीय व्यापारियों के साथ मौके पर पहुंचे और शनिवार को वन विभाग के अधिकारियों से उनकी झड़प हो गई। गिरि ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वन विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार रात को कई दुकानें हटा दीं। वन भूमि पर कई निर्माण हुए हैं, लेकिन विभाग उन पर कुछ नहीं कर सका। वन विभाग इन गरीब लोगों को परेशान कर रहा है।’’
संपर्क करने पर साहू ने गिरि द्वारा उन्हें और उनके सहयोगियों को दी गई धमकी के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने बताया कि राज्य के वन मंत्री बिरबाहा हांसदा ने महिला अधिकारी से संपर्क किया और पूरी घटना का संज्ञान लिया। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी दोनों मामले पर नजर रखे हुए हैं।
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