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बारिश बनी आफत! बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों 21 की मौत

देश के ज्यादातर इलाकों में मानसून अपने पूरे शबाब पर है। कहीं भयंकर बारिश से आम जिंदगी प्रभावित है तो कहीं बाढ़ से लोगों की फसल और घर तबाह हो रहे हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले 24...

बारिश बनी आफत! बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों 21 की मौत
हिन्दुस्तान टीम,पटना देहरादूनSat, 13 Jul 2019 11:44 AM
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देश के ज्यादातर इलाकों में मानसून अपने पूरे शबाब पर है। कहीं भयंकर बारिश से आम जिंदगी प्रभावित है तो कहीं बाढ़ से लोगों की फसल और घर तबाह हो रहे हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों 21 की लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें बिहार में 8, उत्तर प्रदेश में 11 और उत्तराखंड में 2 लोगों की मौत हो चुकी है।

उत्तराखंड में भारी बारिश का चेतावनी
उत्तराखंड में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। मौसम विभाग ने रविवार को प्रदेश के छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इस संबंध में सभी डीएम और आपदा प्रबंधन विभाग को अवगत करा दिया गया है।  मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, पौड़ी और देहरादून में रविवार को भारी बारिश होने की आशंका है। वहीं, सोमवार और मंगलवार को नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी, देहरादून और हरिद्वार में भारी से भारी बारिश की आशंका है। बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। 

कुमाऊं में बारिश में 18 रास्ते बंद, दो की मौत
पिथौरागढ़/बागेश्वर/नैनीताल: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के साथ बागेश्वर और नैनीताल में भारी बारिश ने यातायात में बाधित किया है। बारिश से इन जिलों में कुल 18 रास्ते बाधित हो गये। रास्ते में मलबा गिरने से 8वें मानसरोवर यात्री दल पांगला में दो घंटे से ज्यादा फंसा रहा। इस बीच हल्द्वानी के रानीबाग में एक कारोबारी क पहाड़ी से गिरकर और पिथौरागढ़ के गणाईगंगाली में नाले में बहने से महिला की जान चली गई। शुक्रवार को 53 सदस्यीय 8वां मानसरोवर दल सुबह 6 बजे धारचूला के पास आधार शिविर से बूंदी के लिए रवाना हुआ। तवाघाट सड़क के बंद रहने से पांगला के समीप यात्रियों को दो घंटे से अधिक रुकना पड़ा। 

नाले में बहने से महिला की मौत 
पिथौरागढ़। गणाईगंगोली में सिमलता से सटे घोड़ासिला गांव में गुरुवार रात बसंती देवी (75) पत्नी हयात सिंह बारिश से उफानाए नाले में वह बह गई। 20 घंटे के बाद शुक्रवार को महिला का शव घर से कुछ दूर बरामद हुआ।  

पहाड़ी से गिरकर कारोबारी की जान गई
हल्द्वानी में बूंदाबांदी के बीच शुक्रवार शाम गुलाबघाटी से गिरकर शहर के प्रतिष्ठित कारोबारी की मौत हो गई। रीयल एस्टेट कारोबारी सुशील कुमार अग्रवाल गुलाबघाटी में कार खड़ी कर उतरे ही थी कि बूंदाबांदी से फिसलन वाली जमीन से नीचे खाई में गिर गये। गंभीर हालत में उन्हें बृजलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। 
 
मलबा  गिरने से कई रास्ते बंद
पिथौरागढ़ में 6, नैनीताल में 4 रास्ते बंद है, जबकि बागेश्वर में 8 सड़कें मलबे से बाधित हुईं। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग सेरा में पेड़ गिरने और सुरक्षा दीवार गिरने से भारी वाहनों के लिए बंद है। तवाघाट-घटियाबगड़ मार्ग कई जगह मलबा आने से बाधित है। तवाघाट-नारायण आश्रम, मदकोट-बौना, गलाती-रमतोली , मदकोट-धापा मार्ग भी बंद चल रहे हैं। 
बागेश्वर में पोथिंग-शोभाकुंड, कपकोट-कर्मी-बघर, कपकोट-लीली, लाथी-नामतीचेटाबगड़ रोड, विजयपुर-डफ्टी और डंगोली-सलानी रोड पर मलबा आने से यातायात बाधित हो गया है। पोथिंग-शोभाकुंड मार्ग तीन दिन से बंद है। नैनीताल में बनना, भल्यूटी, फतेहपुर-बेलबसानी, देवीधुरा-सौड़ मार्ग बंद हैं। 


पेयजल योजनाओं को खतरा 
पिथौरागढ़ के मुनस्यारी बारिश से दो पेयजल योजनाएं भी ध्वस्त हो गई हैं। इससे पेयजल संकट भी पैदा हो गया। पिथौरागढ़ के सीनी में बारिश के दौरान सुरक्षा दीवार गिरने से पांच मकानों को खतरा पैदा हो गया है। बागेश्वर में भी मलबे से कई मकान खतरे के जद में आ गए हैं। 


नदियां खतरे के निशान के करीब
पिथैरागढ़ में काली और गोरी नदी खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं, जबकि सरयू और रामगंगा का जल स्तर भी तेजी से बढ़ा है।

 

बिहार में कमला और बागमती खतरे के निशान से ऊपर
मुजफ्फरपुर।पिछले छह दिनों से जारी मूसलधार बारिश से उत्तर बिहार के सभी जिलों की नदियां उफनाने लगी हैं। नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। मौसम विभाग ने नेपाल में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके बाद उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वाहनों पर माइकिंग के सहारे लोगों को भारी बारिश व बाढ़ के खतरे के दौरान सतर्क रहने का निर्देश दिया जा रहा है। दरभंगा में कमला नदी जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान को पार कर गई। मुजफ्फरपुर के गायघाट के बेनीबाद में बागमती भी खतरे के निशान से मात्र 7 सेमी नीचे बह रही है, जबकि दरभंगा के हायाघाट में इसके जलस्तर में 52 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं समस्तीपुर में बागमती सभी जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। 


बेनीबाद में बागमती का जलस्तर 48.61 मी. एवं हायाघाट में 40.72 मी. दर्ज किया गया। हायाघाट में यह खतरे के निशान से अभी पांच सेमी नीचे बह रही है। इधर, सीतामढ़ी के सोनवर्षा में अधवारा नदी खतरे के निशान से 85 सेमी नीचे बह रही है। यहां का जलस्तर 80.98 मी. दर्ज किया गया है, जबकि कमतौल में यह नदी 39 सेमी बढ़कर 46.35 मी. और एकमीघाट में यह 1.04 मी. बढ़कर 41.80 मी. के जलस्तर पर बह रही है। अधवारा नदी कमतौल में खतरे के निशान से 3.65 मी. और एकमी घाट में 4.26 मी. नीचे बह रही है। वहीं मधुबनी के झंझारपुर में गुरुवार रात से ही कमला बलान नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से बाढ़ का संकट गहराने लगा है। नदी का जलस्तर झंझारपुर में खतरे के निशान को पार कर करीब डेढ़ मीटर ऊपर चला गया है। 


लालबकेया नदी में पानी बढ़ने से पूर्वी चंपारण का सीतामढ़ी से सड़क संपर्क भंग है। बारिश का पानी ढाका-मोतिहारी पथ में मिश्रौलिया पेट्रोल पंप के समीप रोड ढाला से होकर बह रहा है। चकिया में बूढ़ी गंडक व मधुबन से होकर गुजरने वाली बागमती नदी में पानी बढ़ रहा है। वहीं तेतरिया में बूढ़ी गंडक का तेजी से जलस्तर बढ़ने से फुलवरिया स्लुइस गेट से पानी आने लगा है। बागमती व लालबकेया नदी के जलस्तर में वृद्धि से मोतिहारी से शिवहर के बीच आवागमन ठप है। चिरैया से खड़तरी जाने वाले मुख्य पथ पर बारिश का पानी बह रहा है। वहीं पश्चिम चंपारण में गंडक, हरहा, हड़बोरा, पंडई, सिकरहना समेत सभी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नरकटियागंज, बैरिया, सिकटा, मैनाटांड़, योगापट्टी व बगहा समेत कई प्रखंडों के निचले व दियारावर्ती क्षेत्रों में पानी फैल गया है। 

 

तीन जिलों में आठ लोगों की गई जान
छह दिनों से जारी मूसलधार बारिश के दौरान शुक्रवार को तीन जिलों में आठ लोगों की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर के मोतीपुर प्रखंड में पोखर में डूबने से दो किशोरों की जान चली गई। मृतकों की पहचान अंजनाकोट निवासी राजेश ठाकुर के 13 वर्षीय पुत्र रौशन कुमार और कृष्णा महतो के 15 वर्षीय पुत्र करण कुमार के रूप में हुई है। वहीं पूर्वी चंपारण के मुफस्सिल थाना के खराजपुर गांव में मीरती नदी में डूबने से पांच वर्षीया प्रीति कुमारी की मौत हो गई। घोड़ासहन के लौखान में नहर में डूबने से राहुल कुमार और लखौरा थाने के गोढ़िया दक्षिणी टोला में झोपड़ी गिरने से 40 वर्षीय बंका राय की दबकर मौत हो गई। इधर, सीतामढ़ी के परसौनी थाना की मदनपुर पंचायत अंतर्गत बेनीपुर गांव में अहले सुबह करीब तीन बजे तेज हवा के साथ मूसलधार बारिश में एक मकान गिर पड़ा। मकान के मलबे में दबकर एक महिला समेत उसके दो बच्चों की मौत हो गयी। मृतकों की पहचान बेनीपुर निवासी राजीव यादव उर्फ मुन्ना यादव की 32 वर्षीया पत्नी मीरा देवी, तीन वर्षीया पुत्री शिवानी कुमारी और एक वर्षीया पुत्री प्रतिमा कुमारी के रूप में की गई है। 

 

राज्य में नदियों के जलस्तर व बांधों पर रखें पैनी नजर : सीएम नीतीश कुमार
राज्य में नदियों के जलस्तर और बांधों की स्थिति पर पैनी नजर रखें। सुबह-शाम हालात की मॉनिटरिंग करते रहें ताकि किसी प्रकार की आपात स्थिति से निपटा जा सके। मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के हिसाब से सतर्क रहें और सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को ये निर्देश संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दिए। शुक्रवार को एक अणे मार्ग में समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के प्रवाह से बांध पर होने वाले प्रभाव को भी देखें। वाटर डिस्चार्ज पर नजर रखें। जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग संभावित सभी परिस्थितियों के लिए आपस में समन्वय बनाये रखें।

जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने अब तक राज्य में हुई बारिश की स्थिति, बिहार तथा नेपाल में हो रही भारी बारिश से नदियों के बढ़ रहे जलस्तर और तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।  आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी। बैठक में आने वाले कुछ दिनों में संभावित बारिश की रिपोर्ट पर भी विस्तार से चर्चा हुई।  मौके पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह मौजूद थे। 

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